इटावा के मोहरी ग्राम पंचायत में ग्राम प्रधान और सचिव द्वारा 42 लाख रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ है। जांच में मनमानी और फर्जी भुगतान की शिकायतें सामने आई हैं। जिला पंचायत राज अधिकारी ने कार्रवाई की रिपोर्ट डीएम को भेजी, और नोटिस जारी कर रिकवरी की प्रक्रिया शुरू की है।
इटावा। उत्तर प्रदेश के इटावा जिले की ताखा तहसील के मोहरी ग्राम पंचायत में ग्राम प्रधान और सचिव द्वारा किए गए 42 लाख रुपये के घोटाले का मामला सामने आया है। जिला पंचायत राज अधिकारी बनवारी सिंह ने बुधवार को बताया कि इस घोटाले की शिकायत समाधान दिवस में की गई थी, जिसके बाद डीएम के आदेश पर जांच शुरू की गई।
जांच में पाया गया कि ग्राम प्रधान ने मनमानी करते हुए गांव के आधे पानी को नाली बनाकर शैलेंद्र अवस्थी के खेत के पास छोड़ दिया, जिससे खेत में गंदा पानी भरने लगा। इसके बाद, डीएम, एसडीएम, डीपीआर और वीडियो टीम ने गांव जाकर जांच की।
जांच के दौरान यह भी पता चला कि वर्ष 2020-2021 में जिला सहकारी संघ ऊसराहार में शौचालय का निर्माण ग्राम पंचायत की सीमा से बाहर कराया गया, और इसके लिए दर्शाई गई राशि में लगभग 20,797 रुपये का अंतर मिला। वित्तीय वर्ष 2022-2023 में भी नाली के निर्माण में चौड़ाई कम पाई गई, जिससे लगभग 74,000 रुपये का अधिक खर्च दिखाया गया।
इसके अलावा, प्राथमिक विद्यालय में इंटरलॉकिंग निर्माण में भी 1,10,000 रुपये का अधिक भुगतान किया गया। थाना ऊसराहार में शौचालय के निर्माण में भी 34,000 रुपये अधिक दर्शाकर भुगतान किया गया। जांच में यह बात सामने आई कि हैंडपंपों के रिवर के लिए 1,88,000 रुपये का भुगतान किया गया, लेकिन इसकी कोई रिपोर्ट या मरम्मत नहीं मिली।
जिला पंचायत राज अधिकारी के कार्यालय ने इस घोटाले की रिकवरी के लिए ग्राम प्रधान और सचिव को नोटिस जारी कर दिया है, और इस मामले की रिपोर्ट डीएम को भेजी जा चुकी है। इस घोटाले के खुलासे ने क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है और कार्रवाई की मांग तेज हो गई है।
अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी सख्ती से कार्यवाही करता है।