नर हाथी रामू की अद्भुत यात्रा: पांच वर्षों में दर्द से उबरकर बना जंगली जानवरों के लिए प्रेरणा

Arjun Singh
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रामू, एक युवा नर हाथी, ने वाइल्डलाइफ एसओएस के मथुरा स्थित केंद्र में पांच वर्षों में अपने दर्दनाक इलाज और देखभाल से उबरकर एक नई जिंदगी शुरू की। उसकी यात्रा सहानुभूति, समर्पण और देखभाल का प्रतीक बनी है।

मथुरा: रामू, एक युवा नर हाथी, ने वाइल्डलाइफ एसओएस के मथुरा स्थित हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र में अपनी 5वीं वर्षगांठ मनाई। रामू की यह यात्रा एक प्रेरणा है, जिसने अपनी शारीरिक पीड़ा, कुपोषण और संघर्षों के बावजूद अपने जीवन के नए अध्याय को सफलतापूर्वक अपनाया। 2019 में जब रामू को केंद्र में लाया गया था, तब उसकी स्थिति गंभीर थी, लेकिन अब वह अपनी शक्ति और समर्पण के साथ हर दिन नयी ऊँचाइयों को छू रहा है।

रामू की दुखद शुरुआत और मथुरा में नई आशा का आरंभ

रामू की कहानी 2019 में झारखंड के रांची के चिड़ियाघर से शुरू होती है। उस समय रामू सिर्फ 19 वर्ष का था, लेकिन उसकी हालत अत्यंत खराब हो गई थी। फटे हुए फुटपैड, टूटा हुआ टखना और गंभीर ऑस्टियोआर्थराइटिस के कारण उसे अत्यधिक दर्द झेलना पड़ रहा था। उसकी रीढ़ की हड्डी उभरी हुई थी और शरीर में पोषण की कमी थी, जिससे वह चलने में भी असमर्थ था।

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वाइल्डलाइफ एसओएस ने झारखंड वन विभाग से संपर्क किया और उसे मथुरा स्थित केंद्र में उपचार के लिए भेजने का निर्णय लिया। 1,100 किलोमीटर की यात्रा के बाद रामू को अपनी विशेष हाथी एम्बुलेंस में मथुरा लाया गया। उसकी गंभीर स्थिति के बावजूद, केंद्र में उसे जो देखभाल मिली, उसने उसकी पूरी जिंदगी बदल दी।

उपचार और देखभाल में प्रगति

पिछले पांच वर्षों में रामू का इलाज कई उपचार विधियों से किया गया। मुख्य रूप से, लेजर थेरेपी और औषधीय फुटबाथ का इस्तेमाल करके उसके पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस और विकृत टखने का इलाज किया गया। रामू की कड़ी मेहनत और सकारात्मक मानसिकता ने उसे जल्दी ही स्वस्थ होने में मदद की।

वर्तमान में रामू के पीछे के बाएं पैर में जोड़ों और फ्रैक्चर के दर्द को कम करने के लिए उसे मौखिक दवा दी जाती है। उसके पैरों में असुविधा को कम करने के लिए उसके बाड़े के मैदान को नरम मिट्टी से ढका गया है। उसके आहार में हरे चारे, गन्ने और सत्तू का समावेश किया गया है, जो उसे शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त करता है।

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रामू की 5वीं वर्षगांठ और विशेष उत्सव

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रामू की 5वीं वर्षगांठ के अवसर पर वाइल्डलाइफ एसओएस ने एक भव्य फल दावत का आयोजन किया, जिसमें रामू के पसंदीदा फल जैसे अनानास, केला, तरबूज, कद्दू, और गन्ना शामिल थे। इसके साथ ही खजूर के साथ रचनात्मक रूप से डिजाइन किया गया चावल का केक भी प्रस्तुत किया गया, जिस पर रामू का नाम लिखा हुआ था। यह उत्सव रामू के प्रति मिल रही अनगिनत प्यार और देखभाल का प्रतीक था, जो उसकी कड़ी मेहनत और समर्पण को सम्मानित करने के लिए आयोजित किया गया था।

पशु चिकित्सा सेवाओं की सराहना

वाइल्डलाइफ एसओएस के पशु चिकित्सा सेवाओं के उप-निदेशक, डॉ. एस. इलियाराजा ने कहा, “रामू की प्रगति हर कदम पर धैर्य, प्रेम और देखभाल की शक्ति का अद्भुत प्रदर्शन है। हम खुश हैं कि वह अब स्वस्थ है और अपनी पूरी ताकत के साथ केंद्र में घूमता है।”

वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “रामू की यात्रा हमें प्रेरित करती है कि हम ऐसे भविष्य की दिशा में काम करें, जहां हर जानवर को दर्द और भय से मुक्ति मिल सके। उसकी कहानी हमें यह सिखाती है कि देखभाल और प्यार से किसी भी कठिनाई को पार किया जा सकता है।”

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मनुष्य और पशु के बीच स्थायी संबंध

वाइल्डलाइफ एसओएस की सह-संस्थापक और सचिव, गीता शेषमणि ने कहा, “रामू की कहानी सिर्फ दर्द से उबरने के बारे में नहीं है, बल्कि यह मनुष्यों और जंगली जानवरों के बीच स्थायी बंधन और सहानुभूति के हर कार्य में निहित आशा के बारे में है। रामू की यात्रा इस बात का प्रतीक है कि अगर हम जानवरों के साथ मानवता के साथ पेश आते हैं, तो वे भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकते हैं।

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