UP News: अखिलेश यादव को मानसिक और बौद्धिक रूप से दिवालिया करार दिया सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर ने

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UP News: अखिलेश यादव को मानसिक और बौद्धिक रूप से दिवालिया करार दिया सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर ने
अयोध्या: उत्तर प्रदेश के सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने अखिलेश यादव को “मानसिक और बौद्धिक रूप से दिवालिया” करार दिया। राठौर ने यह टिप्पणी गुरुवार को अयोध्या दौरे के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए दी। इस दौरान उन्होंने अखिलेश यादव के हालिया बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की।

अखिलेश के शिवलिंग बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया

अखिलेश यादव के उस बयान पर राठौर ने कड़ी प्रतिक्रिया दी जिसमें उन्होंने कहा था कि “सीएम आवास की खुदाई करनी चाहिए, उसके नीचे भी शिवलिंग मिलेगा।” राठौर ने कहा, “मुझे उनकी बुद्धि पर तरस आता है, उनके पास न तो बोलने के लिए शब्द हैं और न ही कोई तर्क। इतने बड़े पद पर रहकर इस तरह की बयानबाजी करना उत्तर प्रदेश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।” उन्होंने कहा कि ऐसी बयानबाजी से राज्य की प्रतिष्ठा को नुकसान हो रहा है और यह राजनीति के स्तर को गिरा रही है।

कुंभ निमंत्रण पर भी अखिलेश को निशाने पर लिया

अखिलेश यादव द्वारा महाकुंभ में निमंत्रण दिए जाने पर की गई टिप्पणी पर भी राठौर ने आपत्ति जताई। राठौर ने कहा कि कुंभ आस्था और श्रद्धा का विषय है और इसमें किसी को निमंत्रण नहीं दिया जाता। उन्होंने यह भी कहा, “अखिलेश यादव को इस बात से परेशानी है कि कुंभ में सभी लोग स्वतः भाग ले रहे हैं। मेरी सलाह है कि वे भी संगम में डुबकी लगाकर अपने पाप धो लें।” राठौर ने स्पष्ट रूप से अखिलेश यादव की टिप्पणी को अनुचित और आस्था के विषय पर राजनीति करने के रूप में देखा।

सीएम योगी का कार्यकर्ता संवाद

इससे पहले, राठौर अयोध्या के कृषि विश्वविद्यालय में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे थे। 4 जनवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे।

राजनीतिक गलियारों में चर्चा

राठौर का यह बयान अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है और इस पर समाजवादी पार्टी की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है। सहकारिता मंत्री का यह बयान अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी के खिलाफ एक और हमला माना जा रहा है, जो उत्तर प्रदेश की राजनीति में ताजे विवादों को जन्म दे सकता है।

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