जाली करेंसी का धंधा और पीड़ितों की शिकायत
जानकारी के अनुसार, पकड़े गए आरोपियों ने बिहार के रहने वाले अनिल कुमार नायक और राम उदगार पासवान को छह महीने में पैसा डबल करने का लालच दिया था और उनसे 2 लाख 75 हजार रुपये निवेश करवा लिए थे। जब ये निवेशक 6 जनवरी को अपना पैसा डबल लेने पहुंचे, तो आरोपियों ने उन्हें धमकाया और एसटीएफ का अधिकारी बनकर डराने की कोशिश की। इस पर पीड़ितों ने मामले की शिकायत एसटीएफ को दी, जिसके बाद एसटीएफ आगरा यूनिट ने जांच शुरू की।
एसटीएफ ने की छापेमारी, चार शातिर गिरफ्तार
एसटीएफ आगरा यूनिट के निरीक्षक यतीन्द्र शर्मा के नेतृत्व में टीम ने बस स्टैंड के पास आरोपियों के ठिकाने पर छापा मारा। इस दौरान आरोपियों की कार से डेढ़ लाख रुपये की जाली करेंसी बरामद हुई, जो लोहे के ट्रंक में छुपाई गई थी। इसके अलावा, कार से 2 लाख रुपये नकद और एक पीली धातु की सांकरनुमा चेन भी बरामद की गई। आरोपियों में देवेंद्र कुमार, दीपक, मनीष और अर्जुन शामिल हैं।
आरोपियों का आपराधिक इतिहास और ठगी की योजना
जांच के दौरान यह पता चला कि, देवेंद्र और अर्जुन पर पहले से भी आपराधिक मामले दर्ज हैं। आरोपियों ने जनता को ठगने के लिए आलू व्यापार का झांसा दिया था और निवेशकों से पैसे लेकर भाग जाते थे। वे लोगों से निवेश के नाम पर पैसे लेते और फिर उनपर दबाव बनाकर उन्हें डराने-धमकाने का काम करते थे।
आगे की कार्रवाई और एसटीएफ की जांच
एसटीएफ ने सभी आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि जाली करेंसी कहां से आई और इस गिरोह के तार किन अन्य आपराधिक मामलों से जुड़े हो सकते हैं। इसके अलावा, एसटीएफ की टीम इन आरोपियों के और अन्य सहयोगियों को पकड़ने के लिए जांच जारी रखे हुए है।