खंड विकास अधिकारी के जाते ही गायब हो जाते हैं विकासखंड जैथरा के कर्मचारी –

Pradeep Yadav
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जैथरा,एटा। विकासखंड जैथरा में अधिकारियों की गैरमौजूदगी में कर्मचारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जैसे ही खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) कार्यालय से बाहर जाते हैं, अधिकांश कर्मचारी भी अपने कामकाज छोड़कर गायब हो जाते हैं। इससे आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

ग्रामीणों और शिकायतकर्ताओं का कहना है कि जब वे किसी काम से ब्लॉक कार्यालय पहुंचते हैं, तो अक्सर कई टेबल खाली मिलती हैं। बीडीओ के रहते तो कुछ कर्मचारी अपनी सीटों पर नजर आते हैं, लेकिन उनके जाते ही कई विभागों के कर्मचारी नदारद हो जाते हैं।

क्षेत्र के लोगों के अनुसार, सरकारी योजनाओं से संबंधित कार्यों में उन्हें कई दिनों तक चक्कर लगाने पड़ते हैं। कभी फाइलें अटक जाती हैं तो कभी कोई जिम्मेदार अधिकारी या कर्मचारी मौजूद नहीं रहता। इससे मनरेगा, पीएम आवास योजना, विधवा एवं वृद्धावस्था पेंशन जैसी योजनाओं से जुड़े लोगों को समय पर लाभ नहीं मिल पाता।

इस लापरवाही से परेशान ग्रामीणों ने उच्च अधिकारियों से मांग की है कि विकासखंड कार्यालय में अनुशासन सुनिश्चित किया जाए। कर्मचारियों की नियमित उपस्थिति तय करने के लिए निगरानी व्यवस्था लागू की जाए और बिना अनुमति गायब रहने वाले कर्मियों पर कार्रवाई की जाए।

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जैथरा,एटा। विकासखंड जैथरा में अधिकारियों की गैरमौजूदगी में कर्मचारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जैसे ही खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) कार्यालय से बाहर जाते हैं, अधिकांश कर्मचारी भी अपने कामकाज छोड़कर गायब हो जाते हैं। इससे आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों और शिकायतकर्ताओं का कहना है कि जब वे किसी काम से ब्लॉक कार्यालय पहुंचते हैं, तो अक्सर कई टेबल खाली मिलती हैं। बीडीओ के रहते तो कुछ कर्मचारी अपनी सीटों पर नजर आते हैं, लेकिन उनके जाते ही कई विभागों के कर्मचारी नदारद हो जाते हैं। क्षेत्र के लोगों के अनुसार, सरकारी योजनाओं से संबंधित कार्यों में उन्हें कई दिनों तक चक्कर लगाने पड़ते हैं। कभी फाइलें अटक जाती हैं तो कभी कोई जिम्मेदार अधिकारी या कर्मचारी मौजूद नहीं रहता। इससे मनरेगा, पीएम आवास योजना, विधवा एवं वृद्धावस्था पेंशन जैसी योजनाओं से जुड़े लोगों को समय पर लाभ नहीं मिल पाता। इस लापरवाही से परेशान ग्रामीणों ने उच्च अधिकारियों से मांग की है कि विकासखंड कार्यालय में अनुशासन सुनिश्चित किया जाए। कर्मचारियों की नियमित उपस्थिति तय करने के लिए निगरानी व्यवस्था लागू की जाए और बिना अनुमति गायब रहने वाले कर्मियों पर कार्रवाई की जाए।
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