न्यूज़: अलीगंज में साप्ताहिक बंदी का मज़ाक, श्रम विभाग उदासीन

Pradeep Yadav
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एटा: जनपद एटा के अलीगंज कस्बे में **साप्ताहिक बंदी** के नियमों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। मंगलवार को, जो कि कस्बे में साप्ताहिक अवकाश का दिन होता है, अधिकांश दुकानें खुली रहीं, जिससे श्रमिकों को उनके हक का अवकाश नहीं मिल पा रहा है। इस स्थिति के लिए **श्रम विभाग की उदासीनता** को मुख्य कारण बताया जा रहा है।

बाजार में बेपरवाही

मंगलवार को अलीगंज के मुख्य बाजार जैसे **मैन मार्केट, डाक बंगला, किला रोड, गांधी चौराहा और सरायगत रोड** पर इक्का-दुक्का दुकानों को छोड़कर सभी दुकानें खुली नज़र आईं। कई दुकानदारों ने तो अपना पूरा सामान दुकान के बाहर तक फैला रखा था। यह दृश्य साफ तौर पर साप्ताहिक बंदी के नियमों की धज्जियां उड़ा रहा था।

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श्रमिकों के अधिकारों का हनन

साप्ताहिक बंदी का उद्देश्य श्रमिकों को एक दिन का **अनिवार्य अवकाश** प्रदान करना होता है, ताकि वे आराम कर सकें और अपने निजी काम निपटा सकें। लेकिन अलीगंज में नियमों का पालन न होने से श्रमिकों को यह अवकाश नहीं मिल पा रहा है। इतना ही नहीं, उन्हें इस अतिरिक्त काम के बदले **कोई अतिरिक्त भुगतान भी नहीं** दिया जाता, जो उनके अधिकारों का सीधा हनन है।

श्रम विभाग की भूमिका पर सवाल

स्थानीय लोगों और श्रमिकों का आरोप है कि इस पूरे मामले में श्रम विभाग की निष्क्रियता साफ दिख रही है। विभाग द्वारा कोई ठोस कार्रवाई न किए जाने के कारण दुकानदार बेखौफ होकर नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। यदि श्रम विभाग सक्रियता दिखाता और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाता, तो शायद यह स्थिति पैदा ही न होती।

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यह देखना होगा कि क्या श्रम विभाग इस खबर का संज्ञान लेता है और अलीगंज में साप्ताहिक बंदी के नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करता है, ताकि श्रमिकों को उनका वाजिब हक मिल सके।

 

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