पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद के बहनोई ने भाजपा से संभाली नगर निकाय चुनाव की जिम्मेदारी
घिरोर
मैनपुरी सपा का गढ़ माना जाता है। और इस वक्त सांसद भी डिंपल यादव हैं । तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी करहल क्षेत्र से विधायक हैं । नगर पंचायत घिरोर भी करहल विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। ऐसे में सपा की साख दांव पर है। तो वहीं भाजपा ने भी बड़ा दांव खेला है कि नगर निकाय चुनाव का प्रभारी भी पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चचेरे भाई पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव के बहनोई अनुजेश प्रताप सिंह को बनाया है ।भाजपा फिरोजाबाद के भारौल निवासी अनुजेश प्रताप उर्फ बबलू भैया को प्रभारी बना कर दम खम से चुनाव लड़ रही है।
भाजपा प्रत्याशी यतेंद्र कुमार जैन भी सन 1995 में सभासद के पद पर रहकर जिम्मेदारी भी निभा चुके है।
भाजपा प्रत्याशी का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से है पुराना नाता
प्राप्त जानकारी के अनुसार भाजपा प्रत्याशी यतेंद्र कुमार जैन लगभग 50 वर्ष से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हुए हैं । यतेंद्र कुमार नगर, ब्लॉक व जिला स्तर के संघ पदाधिकारी भी रह चुके हैं । उनके समर्थकों के अनुसार इस लंबी यात्रा के दौरान उन्होंने समाज की निस्वार्थ भाव से सेवा भी की है । इसलिए उनके समर्थक खासा उत्साहित हैं।
भाजपा नेताओं की साख है दांव पर
मैनपुरी में भाजपा की जिला पंचायत अध्यक्ष अर्चना भदौरिया पूर्व विधायक गंधर्व सिंह भदौरिया की पुत्रवधू हैं। जिनका निवास नगर घिरोर में है साथ ही जिलाउपाध्यक्ष अरुण प्रताप चौहान भी घिरोर से जिला की कमान संभाल रहे है। तो भाजपा से ब्लाक प्रमुख सत्यपाल सिंह यादव भी जिम्मेदारी निभा रहे हैं ।
सपा के खास हैं सपा प्रत्याशी
वहीं नगर के लोगो का कहना है कि सपा से प्रत्याशी अनिल गुप्ता भी पूर्व विधायक सोवरन सिंह , व एमएलसी मुकुल यादव के करीबी माने जाते हैं । तो कही न कही बड़ी जिम्मेदारी बनती है और नामांकन के चिन्ह आवंटित के समय मौजूद रहकर एमएलसी ने जिम्मेदारी भी निभाई। और अखिलेश यादव डिंपल यादव भी घर पर पधार चुकी है। सांसदीय क्षेत्र भी है।
बसपा और कांग्रेस क्या ऐसे में तोड़ पाएगी चक्रव्यूह !
नगर चुनाव के घमासान में बसपा पर भी कुछ लोग नजर बनाए हैं । कि मुस्लिम समुदाय से बसपा प्रत्याशी मोहम्मद असलम है। ऐसे में मुस्लिम समुदाय के अलावा ,अनुसूचित जाति किस पार्टी को सपोर्ट देगा। जिधर मुड़ाव होता है। वही बाजी न मार जाए। तो कांग्रेस ने भी शाक्य समाज से कौशल किशोर शाक्य को अपना प्रत्याशी बनाया है। आखिर शाक्य मतदाता भी नगर में सबसे ज्यादा बताया जा रहा है। प्रत्याशी के पिता ने भी राजनीति पर दाव खेला था। तो ऐसे में क्या कांग्रेस भी रफ्तार पकड़ पायेगी।