आगरा: राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा सुप्रीम कोर्ट और चीफ जस्टिस के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करने के मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में पुलिस कमिश्नर आगरा और प्रभारी निरीक्षक थाना न्यू आगरा को एक शिकायत पत्र भेजा है।
शिकायत पत्र में रमाशंकर शर्मा ने कहा है कि वे पेशे से अधिवक्ता हैं और न्यायपालिका की गरिमा और निष्पक्ष न्याय प्रणाली में पूर्ण विश्वास रखते हैं। उन्होंने बताया कि 19 अप्रैल 2025 को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट पर अपनी सीमाओं से परे जाने और देश में धार्मिक युद्ध भड़काने का आरोप लगाया था। यह बयान 20 अप्रैल 2025 को देश के सभी प्रमुख समाचार पत्रों और न्यूज़ चैनलों पर प्रकाशित और प्रसारित हुआ था।
शर्मा ने शिकायत पत्र में निशिकांत दुबे के बयान का हवाला देते हुए कहा कि दुबे ने देश में हो रहे गृहयुद्ध के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना को जिम्मेदार बताया है। दुबे ने यह भी कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट को ही कानून बनाना है तो संसद भवन को बंद कर देना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट ने विधायिका द्वारा पारित कानूनों को निरस्त करके संसद की विधायी शक्तियों को अपने हाथ में ले लिया है और राष्ट्रपति को भी निर्देश दिया है, जो सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति करते हैं। दुबे ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति करने वाले अधिकारों पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे राष्ट्रपति को कैसे निर्देश दे सकते हैं? उन्होंने यह भी पूछा कि सुप्रीम कोर्ट ने नया कानून कैसे बनाया और किस कानून में लिखा है कि राष्ट्रपति को 3 महीने के अंदर फैसला लेना है। दुबे ने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट देश को अराजकता की ओर ले जाना चाहता है।
शर्मा ने शिकायत पत्र में कहा है कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और इसके चार प्रमुख स्तंभ हैं: न्यायपालिका, विधायिका, कार्यपालिका और मीडिया। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका इन सभी में सर्वोपरि है और सुप्रीम कोर्ट देश की सर्वोच्च न्याय व्यवस्था है, जो देश के महत्वपूर्ण मुद्दों और मामलों में निष्पक्षता के साथ सर्वमान्य आदेश और निर्णय देती रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट और चीफ जस्टिस के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने और अपनी सीमाओं से परे जाने का आरोप लगाकर देश और दुनिया में सुप्रीम कोर्ट और चीफ जस्टिस की गरिमा को गिराने का गंभीर अपराध किया है।
शर्मा ने कहा कि देश के इतिहास में यह पहला अवसर है जब किसी जिम्मेदार व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को इस तरह से अपमानित और बदनाम करने का प्रयास किया है। उन्होंने शिकायत पत्र में निशिकांत दुबे के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। शर्मा ने यह भी कहा कि अगर पुलिस निशिकांत दुबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं करती है तो वे कोर्ट के माध्यम से उनके खिलाफ मुकदमा दायर करेंगे और न्यायालय की अवमानना में उन्हें सजा दिलाकर ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि अगर आज एक पार्टी के सांसद द्वारा इस तरह का अपराध किया जाता है तो कल कोई भी व्यक्ति न्यायालय की गरिमा को ठेस पहुंचा सकता है।