आगरा: केंद्र सरकार द्वारा अधिवक्ता अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों के खिलाफ देश भर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इसी क्रम में, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगरा आगमन पर अधिवक्ताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
विरोध प्रदर्शन का विवरण
- अधिवक्ताओं का जमावड़ा: जन मंच के आह्वान पर, अधिवक्ता सुबह 10:00 बजे से दीवानी परिसर में जुटने लगे। पुलिस ने पहले से ही सतर्कता बरतते हुए सिविल कोर्ट परिसर को घेर रखा था।
- एमजी रोड पर प्रदर्शन: अधिवक्ताओं ने गेट नंबर 1 से निकलकर होटल अमर विलास की ओर मार्च किया। पुलिस ने एमजी रोड पर उन्हें रोका, जिससे अधिवक्ताओं और पुलिस के बीच तकरार हुई। अधिवक्ता होटल अमर विलास जाने पर अड़े रहे।
- धरना और नारेबाजी: पुलिस के साथ झड़प के बाद, अधिवक्ता एमजी रोड पर धरने पर बैठ गए और “काला कानून वापस करो”, “अधिवक्ता अधिनियम में संशोधन वापस लो” जैसे नारे लगाए।
- मुख्यमंत्री के खिलाफ नारे: पुलिस द्वारा अधिवक्ताओं के साथ सख्ती करने पर, उन्होंने “योगी जी वापस जाओ” और “अधिवक्ता संशोधन बिल वापस लो या योगी वापस जाओ” जैसे नारे लगाए।
- जाम और वार्ता: प्रदर्शन के कारण एमजी रोड पर लंबा जाम लग गया। पुलिस अधिकारियों ने अधिवक्ताओं से वार्ता की और उनकी मांगों को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन दिया।
- प्रदर्शन का समापन: जन मंच के अध्यक्ष चौधरी अजय सिंह ने आश्वासन के बाद धरना प्रदर्शन समाप्त करने की घोषणा की।
जन मंच की चेतावनी
जन मंच ने घोषणा की कि यदि अधिवक्ता संशोधन बिल वापस नहीं लिया गया, तो सरकार के किसी भी नेता को आगरा की पवित्र भूमि पर पैर नहीं रखने दिया जाएगा।
नेतृत्व और उपस्थिति
कार्यक्रम की अध्यक्षता जन मंच के अध्यक्ष चौधरी अजय सिंह ने की और संचालन पवन गुप्ता ने किया। प्रदर्शन में आगरा एडवोकेट एसोसिएशन के महामंत्री फूल सिंह चौहान, ग्रेटर आगरा बार के पूर्व सचिव भारत सिंह, विनय कुमार अग्रवाल, चौधरी विशाल सिंह, सतीश कुमार शाक्य, सत्येंद्र कुमार यादव, गिर्राज रावत, वीरेंद्र फौजदार, जितेंद्र चौहान, कुणाल, शिवराम सिंह, राजू सिकरवार, सुरेंद्र सिंह ढाकरे आदि उपस्थित रहे।
अधिवक्ताओं की मांग
अधिवक्ता अधिनियम में किए जा रहे संशोधनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उनका मानना है कि ये संशोधन उनकी स्वतंत्रता और न्यायपालिका की स्वतंत्रता को खतरे में डालेंगे।
पुलिस की भूमिका
पुलिस ने प्रदर्शन को नियंत्रित करने का प्रयास किया और अधिवक्ताओं को मुख्यमंत्री तक उनकी मांगों को पहुंचाने का आश्वासन दिया।