आगरा : यमुना नदी पर बना आंबेडकर पुल एक बार फिर से जख्मी हो गया है। जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। बीम के बगल का हिस्सा भी टूट गया है। इससे कभी भी आवागमन प्रभावित हो सकता है।
नेशनल हाईवे दो पर वाहनों का दबाव कम करने के लिए यमुना नदी पर आंबेडकर पुल का निर्माण किया गया था। इसका शिलान्यास बसपा शासनकाल में वर्ष 2008 में हुआ था। पुल का निर्माण शुरू होते ही भ्रष्टाचार के आरोप लगने लगे |ढाई साल में पुल बनकर तैयार हो गया। वर्ष 2016 में दो सप्ताह तक पुल बंद रहा। वर्ष 2017 में भी पुल पर दरारें आ गई। इसके चलते वाहनों का संचालन रोकना पड़ा। यमुना ब्रिज की ओर से आने पर पहला ज्वाइंट उखड़ गया। एक ब्लाक की स्लैब उखड़ चुकी है। सरिया साफ दिखाई पड़ रही हैं।
लापरवाह हुआ सेतु निर्माण निगम
सेतु निर्माण निगम द्वारा आंबेडकर पुल का निर्माण किया गया है। निगम की लापरवाही के चलते पुल एक बार फिर से जख्मी हो गया है।
विभाग के द्वारा दोनों तरफ लगाए गए हैं लोहे के गाटर
विभाग के द्वारा पुल के दोनों तरफ बड़े-बड़े लोहे के गाटर लगाए गए हैं। इसके बाद भी भारी वाहनों का आवागमन बना हुआ है। सीमेंट से लोड ट्रैक्टर पूरे दिन दौड़ते हुए दिखाई देते हैं और विभागीय लोग कुंभकरण की नींद सोते रहते हैं कहीं यह लोग बड़ी दुर्घटना का इंतजार तो नहीं कर रहे।
पुल के दोनों तरफ लगे हैं साइन बोर्ड
साइन बोर्ड लगे होने के बाद भी क्षमता से अधिक भारी वाहन अंबेडकर पुल पर दौड़ते हुए नजर आते हैं। जिसकी वजह से पुल में कई जगह गड्ढे और कई जगह छतग्रस्त भी हो चुका है। आए दिन वाहन चालक भी उन गधों से गिरकर गंभीर रूप से घायल भी हो रहे हैं लेकिन विभाग की इस तरफ नजर नहीं पड़ रही।