सैनिकों के सम्मान और न्याय की मांग को लेकर आगरा में पूर्व सैनिक संघर्ष समिति का धरना जारी है। समिति अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही है।
आगरा: सैनिकों के सम्मान और न्याय की मांग को लेकर पूर्व सैनिक संघर्ष समिति का धरना आज दूसरे दिन भी शहीद स्मारक संजय प्लेस पर जारी रहा। समिति अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रही है और मांग पूरी होने तक धरना जारी रखने का निर्णय लिया है।
पांच सूत्रीय मांगें
पनवारी के स्वर्गीय पूर्व सैनिक कुंजबिहारी की जमीन को दबंगों से मुक्त कराना:
समिति ने मांग की है कि स्वर्गीय सैनिक की जमीन पर कब्जा करने वाले दबंगों को हटाया जाए और जमीन को उनके परिवार को सौंपा जाए।
60 वर्ष से अधिक आयु के पूर्व सैनिकों को सरकारी विभागों में वरीयता:
समिति ने मांग की है कि 60 वर्ष से अधिक आयु के पूर्व सैनिकों को सरकारी विभागों में बिना लाइन में लगे प्रवेश दिया जाए।
पूर्व सैनिकों के हथियारों का पंजीकरण एवं नवीनीकरण:
समिति ने मांग की है कि पूर्व सैनिकों के हथियारों का पंजीकरण और नवीनीकरण आसान बनाया जाए।
बिना शहीद दर्जा प्राप्त दिवंगत सैनिकों की समाधि स्थल का निर्माण:
समिति ने मांग की है कि बिना शहीद दर्जा प्राप्त दिवंगत सैनिकों के लिए भी समाधि स्थल का निर्माण कराया जाए।
सेना से रिटायरमेंट के बाद किसी सरकारी नौकरी में लगे पूर्व सैनिक को घर से 30 किमी के दायरे में तैनाती:
समिति ने मांग की है कि सेना से रिटायर होने के बाद सरकारी नौकरी में लगे पूर्व सैनिकों को उनके घर से 30 किलोमीटर के दायरे में तैनाती दी जाए।
प्रशासन के साथ वार्ता:
कल अतिरिक्त जिलाधिकारी और आज उप जिलाधिकारी के साथ हुई बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा हुई। हालांकि, समिति अभी तक प्रशासन के प्रयासों से संतुष्ट नहीं है। जिलाध्यक्ष महेश चाहर ने कहा, “हमारी सभी मांगें जिलाधिकारी महोदय के अधिकार क्षेत्र में आती हैं और ये किसी भी तरह से असंवैधानिक नहीं हैं। हम सैनिकों के मान-सम्मान और न्याय की इस लड़ाई को तब तक लड़ेंगे जब तक हमारी सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं।”
एडवोकेट एसोसिएशन का समर्थन:
आज धरने में एडवोकेट एसोसिएशन ने भी भाग लिया और पूर्व सैनिकों के संघर्ष को अपना समर्थन दिया।
ये हुए धरने में उपस्थित:
जिलाध्यक्ष महेश चाहर के अलावा प्रताप चाहर, हाकिम चाहर, एडवोकेट तुलसीराम, भोज कुमार फौजी, तेजवीर सिंह, शिवकुमार जुरैल, सुरेश बाबू, बी एस परिहार, एडवोकेट महेश बघेल, समर मलिक, धर्मेंद्र खंदौली, वीरपाल चाहर, राजवीर चाहर, श्यामबाबू शर्मा, बाबूलाल सोलंकी, प्रेम सिंह, मुकेश शर्मा, वीरेंद्र, एम एस कुंतल आदि पूर्व सैनिक उपस्थित रहे।