आगरा: फतेहाबाद तहसील के रेहावली गांव में उटंगन नदी पर बांध बनाने की योजना को जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. मंजू भदौरिया द्वारा सक्रिय रूप से आगे बढ़ाया जा रहा है. सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा के प्रतिनिधियों के साथ हुई एक बैठक में उन्होंने इस परियोजना की उपयोगिता पर ज़ोर दिया और कहा कि यह भूगर्भ जल के स्तर में आ रही गिरावट को रोकने में बेहद मददगार साबित होगी.
शमशाबाद रोड स्थित अपने कैंप कार्यालय में सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करते हुए डॉ. भदौरिया ने कहा कि यह योजना न केवल उपयोगी है, बल्कि भूगर्भ जल के स्तर में आ रही कमी को रोकने के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है.
सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा का योगदान
सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा के सदस्यों ने जलाशयों के जलग्रहण क्षेत्रों (water catchment areas) के जल प्रबंधन (watershed management) पर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने प्रस्तावित रेहावली बांध को बहुउपयोगी और अन्य योजनाओं के लिए एक आदर्श उदाहरण बताया. उन्होंने यह भी कहा कि जनपद की गैर-मानसून काल में जल-शून्य रहने वाली उटंगन नदी में मानसून काल में पहुँचने वाली अरबों घन मीटर जलराशि का संचय करने के लिए अभी तक कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई है. सिविल सोसाइटी ने जिला पंचायत अध्यक्ष से अनुरोध किया कि उटंगन नदी में पहुँचने वाले यमुना नदी के उफान को रोकने के लिए एक कार्य योजना बनाकर शासन को भेजी जाए ताकि इसकी फंडिंग और क्रियान्वयन पर काम शुरू हो सके.
सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा ने अधिशासी अभियंता, अनुसंधान एवं नियोजन खण्ड, अलीगढ़ द्वारा मांगी गई उटंगन और यमुना नदी के मानसून कालीन जलस्तर की जानकारी में से उटंगन नदी से संबंधित जानकारी उपलब्ध करा दी है. उन्होंने यह भी कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो यमुना नदी के जलस्तर की पिछले पचास वर्षों की जानकारी भी उपलब्ध करा दी जाएगी.
उटंगन नदी की स्थिति
सिविल सोसायटी के सदस्यों ने जिला पंचायत अध्यक्ष को यह भी बताया कि उटंगन नदी केंद्रीय जल आयोग के नियंत्रण या प्रबंधन में नहीं आती है. रेहावली गांव नदी के मुहाने पर स्थित है और बांध जहाँ बनाया जाना प्रस्तावित है, वह स्थान यमुना नदी से 2 किलोमीटर दूर है.
यह भी बताया गया कि उटंगन एक अंतर्देशीय नदी है, जो राजस्थान में गंभीर नदी के नाम से जानी जाती है. नदी की कुल लंबाई 288 किलोमीटर है, जिसमें से 66 किलोमीटर उत्तर प्रदेश में बहती है. यह नदी राजस्थान से उत्तर प्रदेश की सीमा में किरावली तहसील के सिरौली गांव से प्रवेश करती है और रेहावली गांव में यमुना नदी में मिल जाती है. राजस्थान सरकार ने इसका पूरा पानी करौली के पांचना बांध और भरतपुर के अजान बांध पर रोक लिया है. वर्तमान में जो भी जलराशि मानसून काल में नदी के 19 किलोमीटर क्षेत्र में पहुँचती है, वह खारी नदी, वेस्टर्न डिप्रेशन ड्रेन (WD Drain) और जगनेर की 36 बंधियों के डिस्चार्ज से होती है. इसके अलावा, यमुना नदी के मानसून कालीन उफान का पानी भी इसमें आता है.
सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा के सचिव अनिल शर्मा ने कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो वे यमुना नदी के बैकफ्लो की जानकारी भी उपलब्ध करा देंगे, जो मानसून काल में अरनौटा रेलवे पुल के नीचे से रेहावली गांव तक पहुँचती है.
बैठक में उपस्थित सदस्य
जिला पंचायत अध्यक्ष से मुलाकात करने वालों में सचिव अनिल शर्मा के अलावा राजीव सक्सेना और असलम सलीमी भी शामिल थे.