रेणुका धाम में बनेगा भव्य मंदिर, मंदिर के लिए साढ़े छह बीघा जमीन दान की, 10-20 फरवरी तक 108 कुण्डीय महायज्ञ के लिए आयोजन समिति का हुआ गठन
परम पूज्य संत श्री कीर्तिनाथ महाराज के सानिध्य में जेसीबी चौराहा, शास्त्रीपुरम सुनारी में होगा यज्ञ, लाखों लोग बनेंगे साक्षी, 9 फरवरी को महामाई की भव्य कलश यात्रा
आगरा। महामाई की विशेष कृपा है जो गुप्त नवरात्रों में आगरा में महामाई कामाख्या देवी का ग्यारह दिवसीय सहस्त्र चंडी 108 कुण्डीय महायज्ञ का आयोजन 10-20 फरवरी को जेसीबी चौराहा शास्त्रीपुरम, सुनारी में सम्पन्न होगा। यह जानकारी कैलाश पुरी रोड स्थित प्राचीन हनुमान जी के मंदिर में आयोजतिक आमंत्रण पत्र के विमोचन कार्यक्रम के अवसर पर परम पूज्य संत श्री कीर्तिनाथ जी महाराज ने दी। कहा कि भारत में पहली बार कामाख्या क्षेत्र के बाहर मां कामाख्या का महायज्ञ आयोजित किया जा रहा है। रेणुका धाम में साढे छह एकड़ भूमि पर जल्दी ही भव्य कामाख्या मंदिर बनेगा। इसके लिए समाजसेवी कान्ता प्रसाद अग्रवाल ने भूमि का दान किया है।
मां कामाख्या आयोजन सेवा समिति की घोषणा आज कैलाशपुरी रोड स्थित प्राचीन हमुना जी के मंदिर में आयोजित आमंत्रण कार्य विमोचन के दौरान की गई। अध्यक्ष कान्ता प्रसाद अग्रवाल, महामंत्री अजय गोयल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुरारी प्रसाद अग्रवाल, मुख्य संयोजक राहुल अग्रवाल, कोषाध्यक्ष रवि गोयल, व्यवस्था प्रमुख पवन भदौरिया, संयोजक वंदका मेड़कवाल को नियुक्त किया गया। गौ पूजन के साथ ग्यारह दिवसीय सहस्त्र चंडी 108 कुण्डीय महायज्ञ का आयोजन 10-20 फरवरी को जेसीबी चौराहा शास्त्रीपुरम, सुनारी में सम्पन्न होगा। महायज्ञ लाखों लोग साक्षी बनेंगे, जिसमें देश भर के संतो का विराट सम्मेलन, सामूहिक विवाह समारोह, यज्ञोपवीत (जनेऊ संस्कार) जैसे विभिन्न मांगलिक आयोजन भी होंगे। आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि प्रतिदिन प्रातः 7 बजे से गौ पूजन व अभिषेक के साथ महायज्ञ का शुभारम्भ होगा। 9 फरवरी को प्रातः कलश यात्रा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेंगे। प्रतिदिन श्रीराम कथा का आयोजन दोपहर 3-6 बजे तक व श्रीराम लीला का मंचन शाम 7 से रात 11.30 बजे तक किया जाएगा। समिति के पदाधिकारियों ने शहरवासियों को अधिक से अधिक संख्या में महायज्ञ का शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से सुनील पाराशर, जयशिव चोकर, बबिता पाठक, हरिप्रसाद राजपूत आदि उपस्थित थे।
ये होंगे मुख्य कार्यक्रम
9 फरवरीः कलश यात्रा
10 फरवरीः 108 कुण्डीय महायज्ञ शुभारम्भ।
18 फरवरीः संतो का विराट सम्मेलन व कन्याओं का सामूहिक विवाह समारोह, यज्ञापवीत (जनेऊ संस्कार) प्रातः 10 बजे।
20 फरवरीः महायज्ञ पूर्णाहूति।
21 फरवरीः देवी देवताओं की मूर्तियों का विसर्जन दोपहर 12 बजे।
22 फरवरीः पूज्य संत स्वामी कीर्तिनाथ महाराज द्वारा दोपहर 12 बजे से सम्मान समारोह।