आगरा। थाना अछनेरा के प्रभारी समेत कारखासों पर लगातार लग रहे आरोपों के बाद आखिरकार सोमवार को उच्चाधिकारियों ने समस्त प्रकरणों को गंभीरता से लेते हुए चार सिपाहियों को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया।
बताया जाता है कि थाना अछनेरा के विगत एक हफ्ते से गंभीर प्रकरण सामने आ रहे थे। सुविधा शुल्क वसूलने के आरोपों से लेकर बीती रात्रि खनन से भरे ट्रैक्टरों के प्रकरण में किया गया गोलमाल उजागर हो गया। जिसके बाद थाने के दो कारखास सुनीत चौधरी और नितिन बालियान समेत अन्य दो सिपाही ज्ञानेंद्र व अभिनंदन को लाइन हाजिर कर दिया गया।
सूत्रों के अनुसार इस कार्रवाई में भी दोनों सिपाहियों को बलि का बकरा बनाया गया है। दोनों सिपाहियों ने खनन के ट्रैक्टरों को पकड़ा, लेकिन कारखासाें ने कार्रवाई नहीं होने दी। सुबह जब ट्रैक्टरों को पकड़ने का मामला खुला तो आनन फानन में 207 की कार्रवाई करने के बाद खनन की रिपोर्ट बनाकर प्रेषित कर दी गई।
इस मामले में डीसीपी पश्चिम सोनम कुमार के अनुसार आरोपितों को लाइन हाजिर किया गया है। जांच की जा रही है। जांच उपरांत आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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ये है पूरा मामला
आगरा। थाना अछनेरा परिसर के बाहर खड़े जिस ट्रक को हटवाने हेतु बीते शुक्रवार को क्षेत्रवासियों ने तहसीलदार किरावली को ज्ञापन दिया था। उक्त प्रकरण में शनिवार को हुए खुलासों ने हड़कंप मचा दिया। अछनेरा थाना पुलिस द्वारा अपने निजी लाभ के लिए दिखाई गई संवेदनहीनता ने आलू व्यापारी के ₹2 लाख के आलू सड़वा दिए। कमलानगर आगरा निवासी आलू व्यापारी संजीव गर्ग द्वारा अपर पुलिस आयुक्त को दी गई शिकायत में अछनेरा पुलिस की भूमिका पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। बताया जाता है कि बीते 9 सितम्बर को थाना अछनेरा क्षेत्र अंतर्गत दक्षिणी बाईपास पर आलू से भरे ट्रक का एक्सीडेंट, दूध से भरे टैंकर से हुआ था। अछनेरा पुलिस द्वारा आलू से भरे ट्रक को जब्त कर थाने पर खड़ा करवा दिया। ट्रक में भरे आलुओं के स्वामी व्यापारी संजीव गर्ग ने थाना पुलिस से आलुओं की पलटी करवाने की मांग की। संजीव गर्ग का आरोप है कि उसके द्वारा सुविधाशुल्क नहीं देने पर अछनेरा पुलिस ने ट्रक में से आलुओं को नहीं निकलवाने दिया। इसके बाद पुलिस के उच्चाधिकारियों से भी गुहार लगाई, लेकिन उनके दिशा निर्देशों की अछनेरा पुलिस ने पूरी तरह अवहेलना कर दी।
पूर्व विधायक की सिफारिश पर भड़क गई थाना पुलिस
आलू व्यापारी संजीव गर्ग द्वारा इस मामले में अपनी निजी संबंधों के बलबूते, सत्ताधारी दल के पूर्व विधायक एवं राज्यमंत्री से भी अछनेरा थाने पर फोन करवाया गया। राज्यमंत्री का फोन आते ही थाना पुलिस बुरी तरह भड़क गई, व्यापारी से साफ कह दिया कि कितनी भी नेतागिरी करवा लो, अब ट्रक में से आलू नहीं निकलने वाले। इसके बाद संजीव गर्ग को आलुओं से हाथ धोना पड़ा।
थाना पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
इस मामले में अछनेरा पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। कच्चा पदार्थ की श्रेणी में आने वाले आलू से भरा ट्रक पकड़े जाने के बाद उसको सुरक्षित स्थान पर नहीं रखवाया। जबकि जब्त किए गए माल को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी पुलिस की होती है। उच्चाधिकारियों के संज्ञान में होने के बावजूद इस प्रकरण पर ध्यान देना जरूरी नहीं समझा गया। जिसका खामियाजा आलू व्यापारी को भुगतना पड़ा।