झांसी, उत्तर प्रदेश, सुल्तान आब्दी: झांसी के मऊरानीपुर तहसील क्षेत्र स्थित काशीराम आवास कॉलोनी में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यह कॉलोनी पिछली सरकार द्वारा गरीब और बेघर परिवारों को पक्के मकान उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बनाई गई थी। लेकिन अब यहां किराए पर रह रहीं कुछ महिलाओं ने एसडीएम मऊरानीपुर अजय कुमार से शिकायत की है कि जिनके नाम पर आवास आवंटित हुए थे, वे खुद वहां नहीं रहते, बल्कि गरीबों से किराया वसूल कर पैसे कमा रहे हैं।
किराएदार महिलाओं ने सुनाई आपबीती
आज एसडीएम अजय कुमार के पास पहुंची इन महिलाओं ने अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया कि वे बेहद गरीब परिवार से हैं और उनके पास खुद का कोई मकान नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि वे पिछले लगभग 10 सालों से काशीराम आवास कॉलोनी में अपने परिवारों के साथ किराए पर रह रही हैं।
महिलाओं ने शिकायत की, “साहब, हमारे पास किराए देने के लिए पैसे नहीं हैं और आवास मालिक हम लोगों को मकान से निकाल रहे हैं। हम बहुत गरीब हैं, छोटे-छोटे बच्चे हैं, मेहनत-मजदूरी करके अपने घर का खर्चा चलाते हैं। साहब, अगर हम लोगों को मकान से बाहर निकाल दिया तो हमें रहने के लिए जगह नहीं है।”
इन महिलाओं ने एसडीएम से गुहार लगाई कि उन्हें भी प्रशासन द्वारा आवास दिलवाया जाए ताकि वे अपने परिवार सहित सम्मानपूर्वक रह सकें।
प्रशासनिक जांच और कार्रवाई की मांग
काशीराम आवास योजना का उद्देश्य वास्तव में उन निर्धन परिवारों को छत प्रदान करना था जिनके पास पक्का मकान नहीं था। ऐसे में, यदि आवंटित आवासों को किराए पर देकर मुनाफा कमाया जा रहा है, तो यह योजना के मूल उद्देश्य का उल्लंघन है।
एसडीएम अजय कुमार ने महिलाओं की शिकायतें गंभीरता से सुनी हैं। यह देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है और क्या वास्तव में उन लोगों के खिलाफ एक्शन लिया जाता है जिन्होंने गरीबों के हक पर कब्जा कर रखा है और सरकारी आवासों का दुरुपयोग कर रहे हैं। इस मामले में एक विस्तृत जांच की आवश्यकता है ताकि ऐसे लोगों की पहचान की जा सके और पात्र परिवारों को उनका हक मिल सके।