छोटे झोलाछापों पर कार्रवाई का ढिंढोरा, कुख्यात झोलाछाप को लगातार मिल रहा अभयदान

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डीएम की शिकायत को भी दबा गए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी

किरावली। स्वास्थ्य विभाग में झोलाछाप चिकित्सकों के क्लीनिकों पर छापेमारी और उसके बाद नोटिस का खेल कोई नया नहीं है। इस छापेमारी और नोटिस की आड़ में क्या होता है किसी से छिपा नहीं है। इन सबके बीच गांव रायभा के कुख्यात झोलाछाप चिकित्सक सूरजपाल पर स्वास्थ्य विभाग की मेहरबानी की चर्चा हर तरफ होने लगी है। जहां छोटे झोलाछाप चिकित्सक अपनी छोटी सी क्लीनिक में मरीजों का सस्ती दरों पर उपचार कर परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ सूरजपाल विशेषज्ञ चिकित्सक की आड़ में महंगी दरों पर मरीजों का इलाज कर रहा है। उसका पूरा सिस्टम ही अवैध है, जिसमें पैथोलॉजी मशीन से लेकर एक्सरे मशीन तक शामिल है। सूत्रों के अनुसार एक्सरे मशीन चोरी की बिजली से चलाई जा रही है। विद्युत विभाग को भी जमकर चूना लगाया जा रहा है।
आपको बता दें कि बीते दिनों ग्रामीण जितेंद्र सिंह, धीरेंद्र सिंह, योगेंद्र, राजवीर, भूपेंद्र आदि ने डीएम को कुख्यात झोलाछाप सूरजपाल और उसके अवैध क्लीनिक के खिलाफ शिकायत दी थी। डीएम ने तत्काल प्रभाव से शिकायत का संज्ञान लेकर सीएमओ को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया, लेकिन कुख्यात झोलाछाप के प्रभाव में आकर विभाग शिकायत को ही दबाकर बैठ गया। इधर डीएम को सौंपी गई शिकायत में गंभीर तथ्यों का खुलासा किया गया था। ग्रामीणों के अनुसार सूरजपाल द्वारा गरीब लोगों की आंखों में धूल झोंककर आगरा के एमबीबीएस चिकित्सक डॉ राजेश गोयल के कथित रजिस्ट्रेशन की आड़ में खुद इलाज किया जा रहा है। मरीज डॉ राजेश गोयल के नाम के भ्रम में सूरजपाल से इलाज करवा ले जाते है। जबकि डॉ राजेश गोयल कभी भी क्लीनिक पर नहीं बैठते।

हाल ही में छापेमारी में हुआ था खेल

सूत्रों के अनुसार कुछ दिन पूर्व ही एक एसीएमओ द्वारा किरावली क्षेत्र में झोलाछाप चिकित्सकों के क्लीनिकों पर जाकर वसूली अभियान चलाया गया था। किरावली में आधा दर्जन बड़े झोलाछाप चिकित्सकों के क्लीनिकों पर जाकर मोटी रकम हासिल की गई थी। इन झोलाछापों के क्लीनिकों के बाहर भय का माहौल बनाने के लिए अपनी गाड़ी को खड़ा कर दिया गया। जेब गर्म होने के बाद टीम वहां से निकल गई। कार्रवाई का रिकार्ड कायम रखने के लिए विभागीय टीम ने किरावली के पास ही ग्रामीण क्षेत्र में कुछ झोलाछापों के क्लीनिकों पर धावा बोल दिया। उनकी क्लीनिकों की शटर गिरवाकर चाबी अपनी जेब में रख ली। नोटिस का कागज हाथ में थमाकर ऑफिस में आने के लिए बोल दिया गया। उनसे भी सौदेबाजी की कोशिशें शुरू हो गई। इस दौरान भी एक दबंग झोलाछाप ने टीम के जाने के बाद खुद ही ताला तोड़कर क्लीनिक को खोल लिया।

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प्रभारी-दैनिक अग्रभारत समाचार पत्र (आगरा देहात)
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