आगरा: केन्द्र सरकार द्वारा लाए जा रहे एडवोकेट एक्ट में बदलाव के खिलाफ अधिवक्ता समाज में जबरदस्त नाराजगी है। आज प०उ० प्रदेश राज्य निर्माण जनमंच की बैठक सिविल कोर्ट परिसर आगरा में आयोजित की गई, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा एडवोकेट एक्ट में किए जा रहे संशोधन पर विरोध जताया गया। बैठक में भाग लेने वाले अधिवक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि ये बदलाव अधिवक्ताओं के अधिकारों के खिलाफ हैं और इसे कभी भी स्वीकार नहीं किया जाएगा।
एडवोकेट एक्ट में बदलाव – अधिवक्ता हित में नहीं
बैठक में जनमंच अध्यक्ष चौ० अजय सिंह ने कहा कि एडवोकेट एक्ट में जो बदलाव किए जा रहे हैं, वे पूरी तरह से अधिवक्ता समाज के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा, “सरकार द्वारा किए जा रहे संशोधन से अधिवक्ताओं के अधिकारों में कमी आएगी, जो किसी भी हाल में अधिवक्ता समाज द्वारा स्वीकार नहीं किया जा सकता।” उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि यह बदलाव अधिवक्ता के पेशेवर स्वतंत्रता पर गंभीर आक्रमण है और अधिवक्ताओं को उनके अधिकारों से वंचित कर देगा।
जनमंच ने अधिवक्ता समाज से अपील की कि वे इस बदलाव के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर विरोध करें। पूरे देश में इस बदलाव का जोरदार विरोध किया जाना चाहिए, ताकि सरकार इस पर पुनर्विचार करे।
विरोध प्रदर्शन की घोषणा
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 21 फरवरी 2025 को दोपहर 1:30 बजे सिविल कोर्ट परिसर आगरा में सरकार की नीति का विरोध किया जाएगा। विरोध प्रदर्शन के दौरान अधिवक्ताओं का संकल्प होगा कि वे इस बदलाव के खिलाफ आवाज उठाएंगे और आगामी आंदोलन की रूपरेखा सर्वसम्मति से तय करेंगे।
बैठक की अध्यक्षता और संचालन
इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता जनमंच अध्यक्ष चौ० अजय सिंह ने की। बैठक का संचालन पवन कुमार गुप्ता और वीरेन्द्र फौजदार ने किया। इस बैठक में प्रमुख रूप से नवल सिंह सिनसिन बार, आगरा एडवोकेट एसोसियेशन के महामंत्री फूल सिंह चौहान, गिर्राज रावत, सुरेन्द्र कुमार लोधी, जितेन्द्र चौहान, एल्डर मेन कमेटी के चेयरमेन पी०पी० सक्शैना, ह्रदेश कुमार यादव, दिलीप फौजदार, चौ० विशाल सिंह समेत अन्य अधिवक्ता उपस्थित रहे।