बेरोजगार और छुट्ट भय्ये नेता बन रहे प्रॉपर्टी डीलर

पार्क और टंकी की जगह को बेचकर निकल जाते हैं कॉलोनाइजर

-एडीए से पहली किश्त भर कराते हैं नक्शा पास, अभियंता की मिलीभगत

एमडी खान
आगरा। सावधान! शहर से बाहर जाने वाले मुख्य मार्ग और लिंक रोड के सहारे पड़ी कृषि भूमि को खरीदकर कुकरमुत्ते की तरह उग आये प्रॉपटी डीलर कॉलोनी खड़ी कर रहे हैं। वह सोशल मीडिया और विज्ञापन के जरिये लुभावने आॅफर दे रहे हैं। लोगों तक उनकी बात पहुंचे इसलिए लिए एजेंट छोड़ रखे हैं। वह आपसे कहेंगे कि बैंक में रुपये जमा करने से कोई लाभ नहीं हैं, आप फ्लां जगह पर कॉलोनी बनी रही है, वहां इनवेस्ट कर दो। दो साल में चार गुना कीमत हो जायेगी। लोग ऐसे लुभावने आॅफर में फंस भी रहे हैं। फतेहपुरसीकरी रोड पर शहर के एक नामचीन (शहर के सभी कोनों में सैकड़ों बीघा जमीन है) व्यक्ति की कॉलोनी को एडीए ने पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है। कॉलोनी अवैध है। एडीए से कोई नक्शा पास नहीं कराया था। जिन लोगों ने जमीन खरीदी थी वह डरे, सहमे हैं। इसी क्रम में एडीए लगातार कॉलोनी को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर रहा है, लेकिन ये अलग बात है कि कई स्थानों पर कार्रवाई सफेद हाथी साबित हो रही है। इस संबंध में एडीए से आरटीआई मांगी है, लेकिन तय तिथि के अनुसार कोई जबाव नहीं मिला है।

अवैध कॉलोनियों की मांगी है जानकारी
गौरतलब है कि शहर में जमीन मंहगी हो गई हैं। परिवार बढ़ रहे हैं। लोग एकल फैमली में अधिक विश्वास कर रहे हैं। वह अपने परिवार को लेकर अपनों से अलग रहना चाहते हैं। वह हर हाल में अपना आशियाना बनाकर खुद को सफल दिखाने में लगे हुए हैं। इसके लिए वह विज्ञापन आदि के जरिये कॉलोनियां तलाश रहे हैं। इसी का फायदा कथित कॉलोनाइजर, प्रॉपर्टी डीलर आदि उठा रहे हैं। वह किसानों से सस्ती जमीनें खरीदकर उनमें कच्ची-पक्की सड़क डालकर कॉलोनी खड़ी कर रहे हैं। एडीए के निचले पायदान के कर्मचारी जिनकी जिम्मेदारी है कि वह ऐसी कॉलोनियों को न बसने दें। वह उनकों सुविधा शुल्क लेकर बढ़ावा दे रहे हैं। नेताओं ने अपने काले धन को सफेद करने के लिए शिष्यों को देकर जमीनों की खरीद फरोक्त के काम में लगा दिया है। कलवारी निवासी वरिष्ठ पत्रकार राम निवास शर्मा ने शहर में बसी अवैध कॉलोनी को लेकर 26 अक्टूबर 2022 को एक आरटीआई मांगी है। उन्होंने बताया कि विभाग ने समय पूरा होने पर भी अभी तक कोई जबाव नहीं दिया है। श्री शर्मा ने अपने स्तर से पूरे शहर में एक डाटा जमा किया है। वह एडीए से एक मामले में पिछले तीस साल से मुकदमा भी लड़ रहे हैं।

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विवेक विहार कॉलोनी बेच दिया पार्क
उन्होंने बताया कि नब्बे के दशक में मौजा कलवारी में जयपुर हाउस के अलकापुरी निवासी एसकेपी शर्मा ने विवेक विहार कॉलोनी बनाई थी। एडीए से एप्वू्रड दिखाकर रातों-रात पूरी बुकिंग कर दी, बाद में मिलीभगत से नक्शा सरेंडर कर दिया। जो जमीन पार्क, टंकी और मंदिर के लिए छोड़ी थी, उसे बेचकर चले गये। वर्तमान में कॉलोनी के सचिव स्व. शर्मा के बेटे अजयकांत शर्मा हैं। कॉलोनी में पार्क की जमीन पर तीन मंजिला बल्डिंग बनी हुई है। इसमें एक दर्जन फ्लैट बने हुए हैं। मंदिर की जमीन महज पचास गज बची है। कॉलोनी में स्कूल भी अवैध तरीके से बना हुआ है। उसके लिए फायर विभाग या एडीए से कोई एनओसी नहीं ली गई है। बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है। कॉलोनाइजर लोगों से धोखा कर रहे हैं।

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प्रमुख मार्गो व लिंक रोड पर बन रहीं अवैध कॉलोनी
जलेसर रोड पर दर्जनों नये-नये प्रॉपर्टी डीलर बन गये हैं। नगला चंदन तक नगर निगम की सीमा आती है। टेड़ी बगिया से एटा तक डबल चैनल रोड स्वीकृत होने के बाद से जमीनों की कीमत में उछाल आया है। कोलोनाइजर कृषि भूमि को खरीदकर बाउंड्री खड़ी करके प्लाट बेच रहे हैं। वहां कई तो ऐसे हैं जिन्होंने कृषि भूमि को आबादी (143) में तब्दील नहीं कराया है। एडीए ने वहां भी ध्वस्तीकरण के नाम पर खानापूर्ति की थी। सुधा प्रॉपर्टी डीलर, खुशी आदि ऐसे हैं, जो गैर मानक कॉलोनी बनाकर बेच रहे हैं। फतेहपुरसीकरी रोड पर पथौली से लेकर मिढाकुर तक पैर रखने को खाली जमीन नहीं मिलेगी। वहां एक सत्ताधारी के सहयोग से तमाम छुट्ट भय्ये नेता करोड़ों में खेल रहे हैं। बिचपुरी रोड पर जमीन नहीं बची है। वहां भी एडीए आंख बंद करके बैठा है। आठ दिन पहले हुई कार्रवाई क्या हुई मौके पर जाकर शून्य निकली। पुराना आॅफिस तोड़कर वाहवाही लूट ली।

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शमसाबाद रोड पर जमीन बनी सोना
इनर रिंग रोड की वजह से फतेहाबाद और शमसाबाद रोड की जमीन बेशकीमती हो गई है। यहां बेरोजगार पुष्तैनी जमीन बेचकर खुद कॉलोनाइजर बन रहे हैं। गुतिला, बरौली अहीर में दर्जनों अवैध कॉलोनी बन रही हैं। चमरौली सौ फुटा पर नीरज नगर फेस टू पूरी तरह से अवैध है। नगर निगम में होने के बावजूद भी कॉलोनी का नक्शा पास नहीं कराया गया। यहां दर्जनों मकान अवैध बने हुए हैं। नगला मेवाती के आसपास दर्जनों कॉलोनी अवैध खड़ी हो रही हैं। यहां दिन-रात एक के बाद एक मकान बन रहे हैं। आगरा विकास प्राधीकरण कार्रवाई के नाम पर हवा में तीर चला रहा है।

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