लखनऊ | उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) और मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (MVVNL) द्वारा भ्रष्टाचार के मामलों में पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर समय-समय पर सख्त निर्देश जारी किए जाते रहे हैं। इसके बावजूद अंबेडकर नगर जिले में तैनात एक बाबू अजीम अहमद के खिलाफ गंभीर शिकायतों के बावजूद अब तक कोई ठोस विभागीय कार्रवाई नहीं की गई है।
UPPCL और MVVNL ने एक्स अकाउंट पर दिए कई आदेश
अजीम अहमद पर संविदा कर्मियों की बहाली में धांधली, वित्तीय अनियमितता और विभागीय प्रक्रियाओं में भ्रष्ट आचरण जैसे गंभीर आरोप हैं। 10 जून को UPPCL ने सोशल मीडिया (एक्स अकाउंट) पर सार्वजनिक रूप से संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई का निर्देश दिया। उसके बाद MVVNL ने भी आधा दर्जन से अधिक बार सोशल मीडिया के माध्यम से आदेश जारी किए। बावजूद इसके, स्थानीय स्तर पर इन निर्देशों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है।
एक बाबू का ट्रांसफर, दूसरे पर चुप्पी
उक्त प्रकरण में दिलचस्प बात यह है कि मीडिया में खबर आने के बाद एक अन्य बाबू अशोक शर्मा का ट्रांसफर कर दिया गया, लेकिन मुख्य अभियंता वितरण अयोध्या क्षेत्र और अधीक्षण अभियंता अंबेडकर नगर द्वारा अजीम अहमद को जिले में बनाए रखने का प्रयास लगातार किया जा रहा है।
फिर से उसी पटल पर नियुक्ति की तैयारी
सूत्रों का दावा है कि अजीम अहमद को एक बार फिर उसी पटल (विभागीय कार्यक्षेत्र) पर तैनात करने की तैयारी चल रही है, जहां पिछले 5 वर्षों में उसने वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितताओं को अंजाम दिया। राम रतन नामक बाबू के स्थानांतरण को इस रणनीति की पहली कड़ी बताया जा रहा है। अब विभागीय कर्मचारियों के भीतर से भी विरोध के स्वर उठने लगे हैं।
यह मामला अब सिर्फ अंबेडकर नगर का नहीं
यह स्थिति न केवल अंबेडकर नगर या अयोध्या क्षेत्र की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह पूरे प्रदेश में प्रशासनिक जवाबदेही और पारदर्शिता की साख पर एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। जब UPPCL और MVVNL के सार्वजनिक निर्देशों की भी अवहेलना हो रही है, तो आम जनता न्याय और ईमानदारी की उम्मीद किससे करे?
मुख्यमंत्री और ऊर्जा विभाग से मांग
जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और बिजली विभाग के कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, UPPCL चेयरमैन और ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव से मांग की है कि वे व्यक्तिगत स्तर पर हस्तक्षेप कर इस मामले की जांच कराएं और दोषियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करें।