गोरखपुर : पंडित भृगुनाथ चतुर्वेदी कॉलेज, बड़हलगंज, गोरखपुर में 24 दिसंबर 2024 को “राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस” के अवसर पर उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने और उनके अधिकारों से अवगत कराने हेतु एक शानदार परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अभिषेक पाण्डेय ने की।
अपने संबोधन में डॉ. अभिषेक पाण्डेय ने कहा कि “राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस” हर साल 24 दिसंबर को मनाया जाता है। इस दिन उपभोक्ता अधिकारों को लेकर जागरूकता फैलाने का कार्य किया जाता है। उन्होंने कहा, “समाज में स्वस्थ व्यापार के लिए उत्पाद का निर्माण कर उसे बेचा जाता है और जो इसे खरीदता है, वह उपभोक्ता कहलाता है। भारत में 24 दिसम्बर 1986 को ‘उपभोक्ता अधिकार अधिनियम’ लागू किया गया था, जो उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों की सुरक्षा प्रदान करता है।”
उन्होंने उपभोक्ताओं के मुख्य अधिकारों का उल्लेख करते हुए कहा कि इन अधिकारों में सुरक्षा का अधिकार, सूचना का अधिकार, चयन का अधिकार, अपनी बात कहने का अधिकार, शिकायत और निवारण का अधिकार, और उपभोक्ता अधिकारों की शिक्षा का अधिकार शामिल हैं। डॉ. पाण्डेय ने उपभोक्ताओं को यह भी बताया कि यदि किसी उपभोक्ता को लगता है कि उसे धोखा दिया गया है या उसके साथ अन्याय हुआ है, तो वह उपभोक्ता फोरम में अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है और उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग से न्याय प्राप्त कर सकता है।
कार्यक्रम में कालेज के मुख्य नियंता चंद्र भूषण तिवारी ने भी उपभोक्ता के अधिकारों पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि उपभोक्ता वह होता है जो माल और सेवाओं का उपभोग करता है। उन्होंने बताया कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा और संवर्धन किया जाता है, और अनुचित व्यापार प्रथाओं के खिलाफ उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम के माध्यम से उनके अधिकारों की रक्षा की जाती है।
असिस्टेंट प्रोफेसर फकरुद्दीन ने उपभोक्ता संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उपभोक्ताओं की सुरक्षा सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है। उन्हें विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों के माध्यम से हमेशा जागरूक किया जाना चाहिए। वहीं, असिस्टेंट प्रोफेसर आशीष कुमार गुप्ता ने उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति सजग और जागरूक रहने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस अवसर पर कालेज के कई छात्र-छात्राएं भी मौजूद रहे, जिनमें सूर्यांश कौशिक, हर्षित भारद्वाज, अंतिमा पाण्डेय, सिखा, विकास शर्मा, विशालधर द्विवेदी, निखिल रावत आदि का योगदान रहा। इस कार्यक्रम ने उपभोक्ताओं के अधिकारों के प्रति जागरूकता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और कॉलेज के विद्यार्थियों को अपने अधिकारों के प्रति सजग रहने के लिए प्रेरित किया।