गहराने वाले बाबा मूलनायक श्री 1008 पार्श्वनाथ भगवान ताजगंज में अस्थाई वेदी पर हुए विराजमान

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आगरा: ताजगंज स्थित मदन मोहन धर्मशाला में आयोजित तीन दिवसीय चैत्यालय जिनबिंब स्थापना महोत्सव का शानदार समापन हुआ। महोत्सव का आयोजन मेडिटेशन गुरु उपाध्याय श्री विहसंत सागर जी महाराज एवं मुनिश्री विश्वसौम्य सागर ससंघ के सानिध्य में श्री पार्श्वनाथ जिनालय ताजगंज द्वारा किया गया। इस महोत्सव के समापन समारोह के अवसर पर ताजगंज में एक भव्य विश्व शांति महायज्ञ का आयोजन किया गया, जिसमें भक्तों ने एकत्रित होकर अपने श्रद्धा और भक्ति से भगवान पार्श्वनाथ की पूजा अर्चना की।

चैत्यालय जिनबिंब स्थापना महोत्सव

 

महोत्सव के अंतिम दिन भक्तों ने प्रातः 7:30 बजे श्री पार्श्वनाथ भगवान का अभिषेक किया और शांति धारा तथा सामूहिक पूजन का आयोजन किया। इस दौरान श्री मुनिसुब्रतनाथ भगवान के मोक्ष कल्याणक पर निर्वाण लाडू चढ़ाया गया। इस विशेष अवसर पर, विधानाचार्य पंडित आशुतोष शास्त्री के कुशल निर्देशन में हवन का आयोजन किया गया, जिसमें भक्तों ने सामूहिक रूप से मंत्रोच्चारण करते हुए आहुति दी और विश्व कल्याण की भावना का प्रकट किया।

नवनिर्मित श्री पार्श्वनाथ जिनालय में विराजमान हुए जिनबिंब

हवन एवं पूजा अर्चना के बाद, मदन मोहन धर्मशाला से बैंड बाजों के साथ भगवान पार्श्वनाथ, नेमिनाथ, मुनिसुब्रतनाथ और वासुपूज्य भगवान के जिनबिंबों को लेकर भक्तों का एक भव्य जुलूस नवनिर्मित श्री पार्श्वनाथ जिनालय तक पहुंचा। यहाँ पर उपाध्यायश्री के मुखारविंद से मंगल मंत्रों के साथ जिनबिंबों को नवीन वेदी पर विराजमान किया गया। इस अवसर पर भक्तों ने भगवान पार्श्वनाथ की महिमा का गायन किया और अपने ह्रदय से शांति की कामना की।

भक्तों के लिए वात्सल्य भोजन का आयोजन

कार्यक्रम के समापन पर आयोजन समिति ने सभी भक्तों के लिए वात्सल्य भोजन की व्यवस्था की। आयोजन में बड़ी संख्या में अभय जैन, सुशील जैन, पदमचंद जैन, कृष्णकुमार जैन, विवेक जैन, संजीव जैन, अपूर्व जैन, रेनू जैन, रीमा जैन, प्रियंका जैन, बबिता जैन, हेमलता जैन, रजनी जैन, प्रीति जैन, अंजलि जैन, सुनीता जैन सहित ताजगंज जैन समाज के अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे।

समाज में शांति और सौहार्द की स्थापना का संदेश

इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य शांति, सौहार्द और भाईचारे का संदेश देना था। आयोजन समिति ने सुनिश्चित किया कि इस कार्यक्रम के माध्यम से समाज के प्रत्येक सदस्य तक भगवान पार्श्वनाथ की कृपा और शांति की भावना पहुंचे।

 

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