महुअर (किरावली), करौली: प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी केला देवी के भक्तों के लिए 20 वें पदयात्रा भंडारे का आयोजन किया जाएगा। यह भंडारा 21 मार्च से लेकर 24 मार्च तक महुअर स्थित कैलादेवी मंदिर पर आयोजित होगा। यह पांच दिवसीय भंडारा पदयात्रियों के लिए विशेष रूप से आयोजित किया जाता है, जो कैलादेवी की पदयात्रा करने के लिए आगरा और आसपास के क्षेत्रों से यात्रा पर निकलते हैं।
चैत्र नवरात्रों की शुरुआत और मेला
चैत्र नवरात्रों का शुभारंभ 30 मार्च से होने जा रहा है और हिंदू नववर्ष का आगमन भी इसी समय होता है। राजस्थान के करौली जिले में स्थित केला देवी मंदिर में इस दौरान भव्य मेला आयोजित किया जाता है। इस मेले में सैकड़ों भक्त अपनी श्रद्धा और विश्वास के साथ भाग लेते हैं। नवरात्रि के दिनों में देवी की पूजा-अर्चना और अन्य धार्मिक आयोजन होते हैं।
पद्यात्रा का महत्व
राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से हजारों की संख्या में भक्त हर वर्ष केला देवी की पदयात्रा करते हैं। यह यात्रा लगभग दो सौ किलोमीटर लंबी होती है, जिसमें महिलाएं, पुरुष, बच्चे और बुजुर्ग सभी भक्त माता के भजनों के साथ उत्साहपूर्वक यात्रा में शामिल होते हैं। यह यात्रा न केवल श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि इस दौरान भक्त एकता और सामूहिकता का संदेश भी देते हैं।
भंडारे का आयोजन
पद्यात्रियों की सुविधा को देखते हुए, महुअर स्थित कैलादेवी मंदिर पर पांच दिवसीय 20 वां विशाल भंडारा आयोजित किया जाएगा। यह भंडारा 21 मार्च से 25 मार्च तक चलेगा। भंडारे में हर दिन तीन बार भोजन में परिवर्तन किया जाएगा। इसके अलावा भक्तों के लिए पेयजल की व्यवस्था, आराम की जगह और औषधियों की सुविधा भी उपलब्ध होगी। भंडारे का मुख्य उद्देश्य पदयात्रा करने वाले भक्तों को भोजन, पानी और आराम की सुविधा प्रदान करना है, ताकि उनकी यात्रा सुगम और आरामदायक हो सके।
भंडारे की व्यवस्था
महुअर स्थित कैलादेवी मंदिर के सेवक राहुल गोला ने बताया कि इस भंडारे में भक्तों के लिए हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध होगी। श्रद्धालु मंदिर परिसर में आराम से बैठकर भोजन कर सकेंगे, और उन्हें यात्रा के दौरान किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।