आगरा: आत्महत्या हेतु विवश करने के मामले में एसीजेएम 8 दीपांकर यादव ने मृतक की मां, भाई, भाभी और बहनोई के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने के आदेश दिए हैं। यह मामला दहेज उत्पीड़न और पारिवारिक उत्पीड़न के कारण आत्महत्या करने की दिशा में बढ़ा। मृतक की पत्नी ने आरोप लगाया कि ससुरालीजन द्वारा दहेज की मांग और उत्पीड़न के कारण उसके पति को आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया गया।
घटना का विवरण
वादिनी श्रीमती गीता उर्फ शालिनी, पत्नी स्व. अभिषेक चौहान, निवासी जज कम्पाउंड, थाना हरीपर्वत, आगरा ने अपने अधिवक्ता राजेश यादव के माध्यम से अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। वादिनी के अनुसार, उसकी शादी 11 जुलाई 2024 को अभिषेक चौहान से हुई थी, जो सेलटैक्स विभाग में कार्यरत थे। शादी में उसके पिता ने 25 लाख रुपये खर्च किए थे, लेकिन इसके बावजूद ससुराल पक्ष के लोग दहेज से संतुष्ट नहीं हुए और उसे उत्पीड़ित करना शुरू कर दिया।
दहेज की मांग और उत्पीड़न
वादिनी का आरोप है कि उसकी सास श्रीमती सुधा चौहान, जेठ रितिक चौहान, जिठानी श्रीमती नेहा चौहान और बहनोई आकाश ने उससे क्रेटा कार और 5 लाख रुपये की अतिरिक्त मांग की। जब वादिनी के पति अभिषेक चौहान ने इस उत्पीड़न का विरोध किया, तो उन्हें “जोरू का गुलाम” कहकर मारपीट की गई।
आत्महत्या का कदम
18 सितंबर 2024 को ससुरालीजनों ने वादिनी के पति अभिषेक चौहान से वादनी का पक्ष लेने पर गाली गलौज और मारपीट की। वादिनी ने बीच-बचाव किया, लेकिन उसके साथ भी मारपीट की गई। इससे अभिषेक चौहान मानसिक रूप से आहत हो गए और 19 सितंबर 2024 को शिवानी धाम कॉलोनी के पास आरबी डिग्री कॉलेज, ट्रांस यमुना में आत्महत्या कर ली।
कानूनी कार्रवाई
वादिनी की प्रार्थना पत्र पर एसीजेएम 8 दीपांकर यादव ने गंभीरता से विचार करते हुए मृतक के ससुरालीजनों के खिलाफ आत्महत्या के लिए विवश करने का मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं। पुलिस को इस मामले में विवेचना करने के निर्देश दिए गए हैं और जल्द ही आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।