प्रदीप जैन आदित्य ने कहा कि, “झांसी के भाजपा महापौर ने स्वयं इस घोटाले को उजागर किया है, इसलिए अब इसका समाधान सरकार को करना चाहिए। यदि इस मामले में तुरंत एफआईआर नहीं दर्ज की जाती और श्वेत पत्र जारी नहीं किया जाता, तो कांग्रेस पार्टी व्यापक जनांदोलन छेड़ेगी। हम 21 दिसंबर को आयुक्त झांसी मंडल को ज्ञापन देंगे और महापौर का घेराव करेंगे। इसके साथ ही 5 जनवरी से कांग्रेस कार्यकर्ता क्रमिक अनशन पर बैठेंगे और अगर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो हम आमरण अनशन पर भी बैठने को तैयार हैं।”
उन्होंने प्रदेश सरकार की ‘जीरो टोलरेन्स’ नीति पर निशाना साधते हुए कहा कि झांसी में भाजपा शासन के दौरान भ्रष्टाचार ने बड़ी खामियां पैदा की हैं। स्मार्ट सिटी में किए गए कार्यों में भ्रष्टाचार के उदाहरण स्पष्ट हैं, जैसे सीएम ग्रेड की सड़कों, महंगी LED लाइट्स, लक्ष्मी तालाब, आंतिया तालाब, और नारायण बाग पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए, लेकिन इनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। इसके अलावा सॉलिड वेस्ट प्रबंधन, बिजली के शव दाह गृह और बंद पड़े ओपेन जिम भी इस घोटाले के हिस्से हैं।
कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि स्मार्ट सिटी के नाम पर जनता से टैक्स वसूला जा रहा है, जबकि कचरा निपटान के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई है। बिजौली में कचरा डंप करने के खिलाफ विरोध जताने पर लोगों को मकान ध्वस्त करने की धमकी दी जा रही है। इसके अलावा, सड़कों पर लगी छतरियां और वाटर एटीएम केवल शोपीस बनकर रह गए हैं, जबकि बिजली कनेक्शन से जुड़े शव दाह गृह और महंगी स्ट्रीट लाइट भी बंद पड़ी हैं।
कांग्रेस के इस आंदोलन में प्रदेश सचिव मनीराम कुशवाहा, जिलाध्यक्ष योगेंद्र सिंह पारीछा, सीताराम यादव, अरविंद बब्लू, शैलेंद्र वर्मा शीलू, मजहर अली, अनिल रिछारिया, अमीर चंद आर्य, शफीक अहमद मुन्ना और कार्तिकेय पटैरिया सहित अन्य कांग्रेस नेता भी मौजूद थे।