भाजपा सांसद एवं फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ राष्ट्रद्रोह एवं किसानों के अपमान में कोर्ट द्वारा नोटिस जारी

MD Khan
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भाजपा सांसद एवं फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ राष्ट्रद्रोह एवं किसानों के अपमान में कोर्ट द्वारा नोटिस जारी

आगरा: हिमाचल प्रदेश के मंडी क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) सांसद और प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत को लेकर एक बड़ी कानूनी कार्रवाई हुई है। स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए के जज अनुज कुमार सिंह ने कंगना रनौत के खिलाफ राष्ट्रद्रोह और किसानों के अपमान के आरोप में नोटिस जारी किया है। कंगना को 28 नवंबर 2024 को अदालत में पेश होकर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया गया है।

यह मामला तब सामने आया, जब आगरा के वरिष्ठ अधिवक्ता और राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रमाशंकर शर्मा ने 11 सितंबर 2024 को अदालत में एक बाद दायर किया था। इस याचिका में शर्मा ने आरोप लगाया था कि कंगना रनौत ने 27 अगस्त 2024 को एक बयान दिया था, जो अखबारों में छपा। बयान में कंगना ने कहा था कि 2020 से 2021 तक दिल्ली बॉर्डर पर किसान काले कानूनों के विरोध में बैठे थे, उस दौरान हत्याएं और बलात्कार हो रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि यदि उस वक्त देश का नेतृत्व मजबूत नहीं होता, तो देश में बांग्लादेश जैसे हालात पैदा हो सकते थे।

कंगना के इस बयान को लेकर रमाशंकर शर्मा ने अदालत में कहा कि अभिनेत्री ने न केवल किसानों का अपमान किया है, बल्कि उन्हें हत्यारा, बलात्कारी और उग्रवादी तक कह दिया। उन्होंने बताया कि वह खुद एक किसान के बेटे हैं और बचपन में खेती की है, इसलिए उनकी भावनाएं आहत हुई हैं। शर्मा ने यह भी कहा कि कंगना ने देश के करोड़ों किसानों का अपमान किया है, जो पूरी दुनिया में भारतीय कृषि व्यवस्था का अहम हिस्सा हैं।

इसके अलावा, याचिका में यह भी उल्लेख किया गया कि कंगना रनौत ने 17 नवंबर 2021 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अहिंसात्मक सिद्धांतों का मजाक उड़ाया था। कंगना ने कहा था कि “गाल पर चांटा खाने से भीख मिलती है, आज़ादी नहीं,” और यह भी दावा किया था कि 1947 में मिली आज़ादी महात्मा गांधी के भीख के कटोरे में आई थी। कंगना ने यह बयान दिया था कि असली आज़ादी तो 2014 में मिली जब नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में आई।

यह बयान न केवल महात्मा गांधी, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले लाखों भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों का भी अपमान था। कंगना ने उन स्वतंत्रता सेनानियों का भी अपमान किया, जिन्होंने अपनी जान की आहुति दी, फांसी की सजा झेली, और अंग्रेजों के जुल्मों का सामना किया। कोर्ट में बहस करते हुए, अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने कहा कि कंगना का यह बयान न केवल राष्ट्रद्रोह है, बल्कि यह राष्ट्र की 140 करोड़ जनता का अपमान भी है।

अधिवक्ताओं की तर्कपूर्ण बहस और कोर्ट की कार्रवाई

कोर्ट में आज सुनवाई के दौरान, वरिष्ठ अधिवक्ता दुर्ग विजय सिंह, भैया रामदत्त दिवाकर, आर. एस. मौर्य, राकेश नौहवार, बी. एस. फौजदार, राजेंद्र गुप्ता, धीरज उमेश जोशी, और डॉ. राज कुमार समेत कई अधिवक्ताओं ने कंगना के खिलाफ किए गए अपराधों की गंभीरता को उजागर किया। उन्होंने अदालत से कंगना के खिलाफ कठोर कार्रवाई की अपील की और इसे राष्ट्रद्रोह तथा किसानों के अपमान के तौर पर स्वीकार किए जाने की मांग की।

अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद, स्पेशल कोर्ट ने कंगना रनौत को 28 नवंबर 2024 को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है, ताकि वह अपने ऊपर लगाए गए आरोपों पर अपना पक्ष रख सकें।

क्या होगा अगला कदम?

इस मामले में कंगना के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं, और अब अदालत में यह तय होगा कि उनके खिलाफ किस प्रकार की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कंगना की ओर से अब तक कोई सार्वजनिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन अदालत में उनके जवाब का इंतजार किया जा रहा है। यह मामला भारतीय राजनीति, फिल्म इंडस्ट्री, और किसानों के बीच की संवेदनशीलता को उजागर करता है।

 

 

 

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