विश्व धरोहर दिवस से पहले उठी मांग: आगरा को मिले ‘वैश्विक धरोहर शहर’ का दर्जा

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विश्व धरोहर दिवस से पहले उठी मांग: आगरा को मिले 'वैश्विक धरोहर शहर' का दर्जा

आगरा: विश्व धरोहर दिवस (18 अप्रैल) की पूर्व संध्या पर, आगरा हेरिटेज ग्रुप ने एक बार फिर केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग करते हुए आगरा को “ग्लोबल हेरिटेज सिटी” का प्रतिष्ठित दर्जा दिलाने का आह्वान किया है। समूह ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि ताजमहल, आगरा किला और फतेहपुर सीकरी जैसे तीन-तीन यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों के साथ-साथ ऐतिहासिक स्मारकों और समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं का खजाना होने के बावजूद, आगरा को अभी तक यह सम्मानजनक दर्जा नहीं मिल पाया है।

इस संबंध में कोरल ट्री होमस्टे में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें प्रमुख विरासत कार्यकर्ता श्री ब्रज खंडेलवाल, डॉ. मुकुल पांड्या, श्री गोपाल सिंह और श्री मेहरान उद्दीन ने हिस्सा लिया। बैठक में आगरा की समृद्ध विरासत के समक्ष मौजूद चुनौतियों पर गहन चर्चा की गई और शहर की अद्वितीय वास्तुकला, ऐतिहासिक महत्व और सांस्कृतिक पहचान को सुरक्षित रखने के लिए एकजुट होकर कार्रवाई करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।

आगरा हेरिटेज ग्रुप के सदस्यों ने बढ़ती अतिक्रमण की समस्या, यमुना नदी की लगातार बिगड़ती स्थिति और स्थानीय नागरिकों में अपनी विरासत के प्रति जागरूकता की कमी पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इन कारणों से इस ऐतिहासिक शहर की पहचान धीरे-धीरे धूमिल होती जा रही है।

वरिष्ठ विरासत कार्यकर्ता श्री ब्रज खंडेलवाल ने सवाल उठाया कि “जब जयपुर और अहमदाबाद जैसे शहरों को उनकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के आधार पर ‘विश्व धरोहर शहर’ का दर्जा मिल सकता है, तो आगरा क्यों पीछे रहे? ताजमहल का शहर केवल एक लोकप्रिय पर्यटन केंद्र नहीं है, बल्कि यह भारत की समग्र संस्कृति का एक अनूठा और जीवंत उदाहरण है।”

यमुना की बदहाल स्थिति पर चिंता

पर्यावरणविद डॉ. मुकुल पांड्या ने यमुना नदी की वर्तमान दयनीय स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यमुना, जो कभी आगरा की जीवनदायिनी हुआ करती थी, आज प्रदूषण और घोर उपेक्षा का शिकार है। इसका सीधा और नकारात्मक प्रभाव आगरा की ऐतिहासिक विरासत और पर्यावरण दोनों पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।

आगरा हेरिटेज ग्रुप की प्रमुख मांगें

आगरा हेरिटेज ग्रुप ने केंद्र और राज्य सरकारों के समक्ष निम्नलिखित प्रमुख मांगें रखी हैं:

  • आगरा शहर को आधिकारिक रूप से “हेरिटेज सिटी” (विरासत शहर) का दर्जा प्रदान किया जाए।
  • यमुना नदी की सफाई और इसके संरक्षण के लिए ठोस और प्रभावी कदम तत्काल उठाए जाएं।
  • शहर की पुरानी ऐतिहासिक इमारतों और पारंपरिक बाजारों का जीर्णोद्धार और पुनरुद्धार किया जाए।
  • शहर के नागरिकों में अपनी समृद्ध विरासत के प्रति गर्व और जिम्मेदारी की भावना को जागृत किया जाए।
  • विरासत-आधारित पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ मिल सके।

समूह ने केंद्र और राज्य सरकारों से इस महत्वपूर्ण दिशा में त्वरित और ठोस कार्रवाई करने का पुरजोर आग्रह किया है, ताकि विश्व प्रसिद्ध स्मारकों का शहर आगरा आने वाली पीढ़ियों के लिए अपनी गौरवशाली सांस्कृतिक धरोहर को अक्षुण्ण बनाए रख सके।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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