विधवा का दर्द: राशन कार्ड बनवाने को महीनों से चक्कर काट रही; पंचायत सचिव की लापरवाही या ….

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विधवा का दर्द: राशन कार्ड बनवाने को महीनों से चक्कर काट रही; पंचायत सचिव की लापरवाही या ....

जैथरा, एटा: सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाने के दावे ज़मीनी हकीकत में कैसे उलझते हैं, इसका जीता-जागता उदाहरण विकास खंड जैथरा की ग्राम पंचायत वरना में देखने को मिल रहा है।

यहां की निवासी मौर श्री, जो मूल रूप से गांव फतेहपुर की हैं, पिछले कई महीनों से राशन कार्ड बनवाने के लिए लगातार पंचायत कार्यालय के चक्कर काट रही हैं, लेकिन पंचायत सचिव अजहर खान की कथित लापरवाही के कारण उनका आवेदन बार-बार निरस्त कर दिया जा रहा है।

हर बार निरस्त हो जाता है आवेदन

मौर श्री ने बताया कि उन्होंने पूरे प्रक्रिया के तहत सभी जरूरी दस्तावेज पंचायत कार्यालय में जमा किए थे। बावजूद इसके उनका आवेदन हर बार किसी न किसी बहाने से खारिज कर दिया जाता है। कभी फोटो को सही नहीं बताया जाता, तो कभी दस्तावेज अधूरे कहकर लौटा दिए जाते हैं। मौर श्री ने बताया कि यह प्रक्रिया अब उनके लिए एक मानसिक और शारीरिक बोझ बन गई है।

विधवा होने के बाद बढ़ी कठिनाइयां

मौर श्री एक विधवा महिला हैं और पहले से ही आर्थिक तंगी और सामाजिक चुनौतियों का सामना कर रही हैं। राशन कार्ड न मिलने के कारण उन्हें भोजन और अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति में भारी कठिनाई हो रही है। उन्होंने कहा कि जब सरकार की ओर से राशन जैसी मूलभूत सुविधा भी नहीं मिल रही है, तो जीवन यापन और भी कठिन हो गया है।

प्रशासन से गुहार

मौर श्री ने प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग की है और उन्हें जल्द से जल्द राशन कार्ड उपलब्ध कराने की अपील की है। उनका कहना है कि वह भी सरकार की खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ उठाने के हकदार हैं और यह उनका मौलिक अधिकार है।

ग्राम पंचायत वरना की यह स्थिति यह दर्शाती है कि किस प्रकार जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही और लचर प्रशासनिक व्यवस्था का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है। मौर श्री की इस गुहार को गंभीरता से लेकर प्रशासन को शीघ्र कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि वह भी सरकार की योजनाओं का लाभ उठा सकें।

 

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