BSA की नाक के नीचे फाइनेंस कंपनी का खेल: शिक्षकों-कर्मचारियों के वेतन से अवैध कटौती

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एटा (पवन चतुर्वेदी) : जनपद एटा का बेसिक शिक्षा विभाग एक बार फिर विवादों में घिर गया है। ताजा मामला फाइनेंस कंपनी द्वारा शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन से अवैध कटौती का है।

मामला क्या है?

मसला यह है कि बेसिक शिक्षा विभाग के कुछ शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने आवश्यकता पड़ने पर अलीगढ़ की सूर्य लीजिंग प्राइवेट लिमिटेड फाइनेंस कंपनी अलीगढ़ से लोन लिया था। फाइनेंस कंपनी ने एक कदम आगे बढ़कर बेसिक शिक्षा विभाग में वित्त एवं लेखा का कार्य कर रहे क्लर्क से सांठ गांठ की।  इस सांठगांठ का नतीजा यह निकला कि बेसिक शिक्षा विभाग का लेखा क्लर्क जिसे आम बोलचाल में लेखा बाबू कहा जाता है , फाइनेंस कंपनी से अपनी पूरी वफादारी निभाते हुए वेतन में से सीधी कटौती कर, पैसे काटकर फाइनेंस कंपनी को देने लगा। शेष बचा वेतन संबंधित शिक्षकों व कर्मचारियों के खाते में डाल देता है और यह किसी एक व्यक्ति के साथ नहीं बल्कि कई के साथ हो रहा है।

यह कम एक-दो महीने से नहीं बल्कि कई वर्षों से निरंतर चलता रहा है । जब हमने इस प्रकरण में और अधिक जानकारी की तो पता चला कि इस खेल की भनक जब बेसिक शिक्षा विभाग के वित्त एवं लेखा अधिकारी को 2022- 23 में हुई।

उन्होंने समस्त खंड शिक्षा अधिकारियों व नगर शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर लिखित आदेश भी दिए। जिसमें साफ तौर पर उल्लेख किया गया कि परिषदीय शिक्षक कर्मचारियों द्वारा किसी फाइनेंस कंपनी से कोई व्यक्तिगत श्रेणियां लोन लिया जाता है या कंपनी एवं कर्मचारियों के मध्य कुछ भी लेनदेन होता है तो इसमें विभाग सम्मिलित नहीं होगा। ऐसे किसी भी शिक्षक अथवा कर्मचारियों के द्वारा लिए गए ऋण की कटौती उसके वेतन से बेसिक शिक्षा विभाग के द्वारा नहीं की जाएगी।

बावजूद इसके फाइनेंस कंपनी के वफादार बने बाबू के द्वारा नियमों को ताक पर रखकर एवं अधिकारी के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए मनमाने तरीके से लगातार शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन से सीधी कटौती कर सूर्य लीजिंग प्राइवेट लिमिटेड फाइनेंस कंपनी अलीगढ़ के खाते में ट्रांसफर कर देता है।

संबंधित बाबू ऐसा क्यों कर रहा है तो इसका एक सीधा सा जवाब है कि बिना लाभ के कोई भी व्यक्ति अपने ही विभाग के अधिकारी के द्वारा किए हुए आदेशों की धज्जियां नहीं उड़ाता है ।

कुछ शिक्षकों और कर्मचारियों ने अलीगढ़ की सूर्या लीजिंग प्राइवेट लिमिटेड फाइनेंस कंपनी से लोन लिया था। कंपनी ने विभाग के लेखा क्लर्क से सांठगांठ कर वेतन से सीधी कटौती कर पैसे अपने खाते में ट्रांसफर करवाना शुरू कर दिया। यह कटौती पिछले कई वर्षों से हो रही है।

2022-23 में वित्त एवं लेखा अधिकारी को इसकी भनक लगी तो उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारियों और नगर शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर स्पष्ट निर्देश दिए कि विभाग किसी भी फाइनेंस कंपनी से लेनदेन में शामिल नहीं होगा। बावजूद इसके, लेखा क्लर्क ने अधिकारी के आदेशों की अनदेखी करते हुए कटौती जारी रखी।

सवाल:

  • संबंधित बाबू ऐसा क्यों कर रहा है?
  • कब तक शिक्षकों-कर्मचारियों के खातों से अवैध कटौती होती रहेगी?
  • क्या बेसिक शिक्षा अधिकारी इस मामले में कोई कार्रवाई करेंगे?

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