Gaziyabad Nikay Chunav : गाजियाबाद में अवैध निर्माण बना बड़ा चुनावी मुद्दा

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दीपक शर्मा

गाजियाबाद । शहर को सुनियोजित तरीके से बसाने का जिम्मा आवास विकास परिषद (आविप) और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के कंधों पर है। यहां की कालोनियों में खड़े अवैध भवनों से लोग सहज ही यह अनुमान लगा सकते हैं कि आविप व जीडीए के अधिकारी अपने दायित्वों का कितना पालन कर रहे हैं। ज्यादातर कालोनियों में अवैध निर्माण हुए हैं। वर्तमान में भी अवैध निर्माण हो रहे हैं।

इस बार निकाय चुनाव में अवैध निर्माण भी बड़ा चुनावी मुद्दा बन गया है। आविप की वसुंधरा योजना और जीडीए की इंदिरापुरम, राजेंद्र नगर, लाजपत नगर, लोनी, मुरादनगर, बापूधाम आदि में जमकर अवैध निर्माण हुए हैं। वर्तमान में भी अवैध रूप से रिहायशी और व्यावसायिक भवनों का निर्माण चल रहा है। इन्हें रोकने की जिम्मेदारी आविप और जीडीए के अधिकारियों की है।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि अवैध निर्माण शुरू होते ही अधिकारी संबंधित को नोटिस देते हैं। अवैध निर्माण को सील कर देते हैं। मुकदमा दर्ज करा देते हैं। इतना ही नहीं तोड़फोड़ भी करते हैं, लेकिन अंत में सबकुछ खानापूरी साबित होती है। अवैध भवन पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाते हैं।

बतौर बानगी वसुंधरा के भूखंड संख्या-दो ए/66, दो बी / 904, दो बी/ 669, 10ए/27, 12/188, 16ए/2154, 10डी / 179, 10बी/142 व 10सी / 238 के अवैध निर्माणों की राज्यपाल व मुख्यमंत्री से शिकायत हुई। आविप ने इन भूखंडों पर होने वाले अवैध निर्माणों पर कार्रवाई करके शिकायतकर्ता को अवगत कराया दिया लेकिन ज्यादातर भूखंडों पर अवैध भवन लगभग बनकर तैयार हो गए। कुछ का काम अंतिम चरण में है।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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