गाजियाबाद पुलिस ने 11 वर्षीय बच्ची के हत्या में शामिल तीन अभियुक्तों को किया गिरफ्तार

Kulindar Singh Yadav
3 Min Read

एसएसपी मुनिराज की कार्यकुशलता के चलते 48 घंटे में ही गाजियाबाद पुलिस ने अपहरण के बाद हत्या की घटना का किया खुलासा

गाजियाबाद | जिले की पुलिस ने एक बार फिर से बहुत ही कम समय में एक बड़े मामले का खुलासा किया है | आपको बताते चलें थाना नंदग्राम में दो दिन पूर्व शाम को एक 11 वर्षीय बच्ची का अपहरण करके 30 लाख की फिरौती की सूचना दर्ज कराई गई थी | यह खबर जैसे ही एसएसपी तक पहुंची तुरंत ही मामले की गंभीरता को समझते हुए एसएसपी गाजियाबाद मुनिराज जी ने जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को मामले की जांच में लगा दिया | पुलिस की जांच और घेराबंदी से घबराए अपराधियों ने अपने आप को अपनी चाल में सफल होता न देखकर खुशी नामक बच्ची की हत्या कर दी और लाश को बुलंदशहर के एक जंगल में फेंक दिया | अपराधियों को यह उम्मीद थी कि अब पुलिस अब उन तक नहीं पहुंच सकती है | लेकिन स्थानीय लोगों की सूचना के बाद जब खुशी की लाश की बरामदगी हुई और उसके बाद मोबाइल ट्रैकिंग के जरिए पुलिस ने अपराधियों को धर दबोचा | अभी भी एक अभियुक्त पुलिस की पकड़ से बाहर है जिसकी गिरफ्तारी के लिए टीमें लगाती हैं | गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में अमित पुत्र नरेश पाल, बबलू पुत्र ओमप्रकाश तथा गंभीर पुत्र लीला सिंह शामिल हैं |

See also  बेखौफः एक रात में दो बार पुलिस से भिड़े बदमाश, तीन को लगी पुलिस की गोली, पांच गिरफ्तार

 

गिरफ्तार किए गए अपराधियों से पूछताछ में जो जानकारी मिली है वह चौंकाने वाली है | इस घटना को मृतक बच्ची के पड़ोसी बबलू द्वारा योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया था | पूछताछ में उसने बताया कि खुशी जोकि अपने नाना-नानी के पास रहती थी इसके पिता का कुछ वर्ष पूर्व एक सड़क दुर्घटना में देहांत हो चुका था | पिता की डेथ पॉलिसी के रूप में बीमा कंपनी से 26 लाख रुपए मिलने वाले थे | जिसकी भनक पड़ोस में रहने वाले बबलू को लग चुकी थी | इसी 26 लाख के लालच में बबलू द्वारा यह खौफनाक योजना बनाई गई थी |

See also  नगर निगम से महिला राजस्व निरीक्षक एक लाख की रिश्वत के साथ गिरफ्तार

अपहरण का तरीका

खुशी के अपहरण के लिए पड़ोसी बबलू ने वह समय चुना जब खुशी घर में अकेली थी | उसके बाद बबलूस को मेला दिखाने के बहाने घर से ले गया और नंद ग्राम इलाके में शनि देव मंदिर के पास एक दूसरे शख्स अमित को खुशी को सौंप दिया | अमित खुशी को बाइक से लेकर दादरी बाईपास पहुंचा यहां पर गंभीर नामक एक तीसरे शख्स ने स्कूटी के माध्यम से बच्ची को बुलंदशहर पहुंचाया | जहां पर बच्ची को फिरौती की राशि मिलने तक रखने का प्लान था | बाद में जब पुलिस का शिकंजा इस केस में कस्बा चला गया तो आनन-फानन में अभियुक्तों द्वारा बच्ची की गला घोट कर हत्या कर दी गई |

See also  बरेली: शुमायला खान के फर्जी दस्तावेजों से जुड़े नए खुलासे, मां माहिरा का भी था इसी तरह सरकारी नौकरी पाने का मामला
Share This Article
Leave a comment