मैनपुरी जिले के कुरावली कस्बे में बिना पंजीकरण के अस्पतालों का धड़ल्ले से संचालन हो रहा है। इन अस्पतालों में सीजेरियन डिलीवरी जैसी गंभीर सर्जरी भी बिना किसी अनुमति के की जा रही है। इससे पहले भी इन अस्पतालों में लापरवाही के चलते दो प्रसूताओं की मौत हो चुकी है।
जानकारी के मुताबिक, कुरावली में सिरसा रोड, जीटी रोड पर डाकखाना के सामने, सीओ कार्यालय के सामने और घिरोर रोड पर बिना पंजीकरण के अस्पताल संचालित हो रहे हैं। इन अस्पतालों में बिना किसी योग्यता के डॉक्टर इलाज कर रहे हैं। मरीजों को महंगी दवाएं और जांचों के लिए मजबूर किया जा रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग इन अस्पतालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। इससे लोगों को भारी परेशानी हो रही है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने किया इनकार
इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रमेश चंद्र गुप्ता ने कहा कि उन्हें कुरावली में बिना पंजीकरण के अस्पतालों के संचालन की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि इसकी जांच कराई जाएगी और बिना पंजीकरण के चल रहे अस्पतालों को सील कर उनके संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
क्या है पंजीकरण का नियम
स्वास्थ्य विभाग के नियमों के मुताबिक, किसी भी अस्पताल को संचालित करने के लिए उसे पंजीकरण कराना जरूरी है। पंजीकरण के लिए अस्पताल को संबंधित विभाग में आवेदन करना होता है। आवेदन के बाद विभाग की टीम अस्पताल का निरीक्षण करती है और अगर अस्पताल सभी मानकों को पूरा करता है तो उसे पंजीकरण दे दिया जाता है।
बिना पंजीकरण के अस्पतालों का खतरा
बिना पंजीकरण के अस्पतालों में मरीजों को कई तरह के खतरे हो सकते हैं। इन अस्पतालों में इलाज करने वाले डॉक्टरों के पास जरूरी योग्यता नहीं होती है। इससे इलाज में लापरवाही हो सकती है, जिससे मरीज की जान भी जा सकती है। इसके अलावा, इन अस्पतालों में मरीजों को महंगी दवाएं और जांचों के लिए मजबूर किया जा सकता है।