आगरा से “ट्री मैन” त्रिमोहन मिश्रा का पर्यावरण पर भावुक संदेश। पेड़ों की कटाई रोकने और वनों को बचाने की अपील, ताकि आने वाली पीढ़ियां सुरक्षित रहें।
🌱 पेड़ सिर्फ हरियाली नहीं, जीवनदाता हैं – त्रिमोहन मिश्रा
आगरा। “ट्री मैन” त्रिमोहन मिश्रा ने वनों के विनाश पर एक मार्मिक और सशक्त संदेश दिया है, जो हर व्यक्ति को सोचने पर मजबूर कर देता है। उन्होंने कहा —
“जो जीवन देता है, उसे मां कहते हैं और जो परवरिश करता है, उसे पिता कहते हैं। प्रकृति मां है और पेड़ पिता हैं।”
उन्होंने पेड़ों को ईश्वर, पूर्वज और संरक्षक का दर्जा देते हुए कहा कि जैसे एक पिता बिना स्वार्थ के अपनी संतान की रक्षा करता है, ठीक वैसे ही पेड़ भी ऑक्सीजन, भोजन, औषधि, जल संरक्षण, और संतुलित वातावरण के रूप में हमें जीवन देते हैं।
🔥 डेवलपमेंट के नाम पर विनाश क्यों?
ट्री मैन का तर्क स्पष्ट है —
“जिस बाप ने सांसें दीं, उसी का गला काट देना सबसे बड़ा अपराध है।”
आज जिस तरह से विकास की दौड़ में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही है, वह न सिर्फ पर्यावरण, बल्कि सम्पूर्ण मानव जाति के अस्तित्व के लिए खतरा बन चुकी है।
उन्होंने कहा कि पेड़ काटकर घर बनाने से पहले सोचना चाहिए कि आप जिनका आशियाना उजाड़ रहे हैं, वे भी इस पृथ्वी के उतने ही हकदार हैं जितना आप।
🌍 पेड़ हैं तो जीवन है: पेड़ का महत्व
ट्री मैन ने पेड़ को जीवन के हर पहलू से जोड़ा:
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ऑक्सीजन और शुद्ध वायु
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भोजन और औषधियां
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जल संरक्षण और वर्षा चक्र नियंत्रण
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मिट्टी का कटाव रोकना
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वन्य जीवों का आवास
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जलवायु परिवर्तन को संतुलन में रखना
“पेड़ों के पास समय बिताने से तनाव कम होता है, यह प्रमाणित है।”
🛑 मानव जाति से प्रश्न: क्या हम अपने अंगों की तस्करी करते हैं?
त्रिमोहन मिश्रा ने एक तीखा सवाल पूछा —
“क्या हम अपने अंगों को बेचते हैं? नहीं! तो फिर पेड़, जो हमारे जीवन के अंग समान हैं, उनकी तस्करी क्यों?”
पेड़ काटना सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को लूटने जैसा है।
🌿 “ग्रीन अर्थ” मिशन: हर व्यक्ति की जिम्मेदारी
“मेरा सपना है ग्रीन अर्थ देखना”, ट्री मैन कहते हैं।
वे चाहते हैं कि हर व्यक्ति पेड़ लगाने और बचाने की जिम्मेदारी ले।
उनका स्पष्ट संदेश है:
“पेड़ लगाओ, पेड़ बचाओ, नहीं तो भविष्य में पीढ़ियां ही नहीं रहेंगी।”
📢 अंतिम संदेश: कसम खाओ धरती मां की!
ट्री मैन ने भावुक अपील करते हुए कहा:
“कसम खाओ धरती मां की, पेड़ नहीं काटेंगे।
जितने पेड़ बचा सकते हो, बचाओ।
जितने पेड़ लगा सकते हो, लगाओ।
विकास तब ही सही है जब उसमें जीवन सुरक्षित हो।”