सर्दी के तेवरों के आगे ’अलाव की आग’ भी पड रही ठंडी, लगातार तीसरे दिन नहीं हुए सूर्य देव के दर्शन, बढी गलन, स्कूलों में आज भी रहेगी छुट्टी

सर्दी के तेवरों के आगे ’अलाव की आग’ भी पड रही ठंडी, लगातार तीसरे दिन नहीं हुए सूर्य देव के दर्शन, बढी गलन, स्कूलों में आज भी रहेगी छुट्टी

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सर्दी में अलाव के सहारे बैठे ग्रामीण। फोटो - अग्र भारत

मथुरा। भगवान सूर्य देव के दर्शन दुर्लभ हो गये। अधिकतम और न्यूनतम तापमान के बीच अंतर लगातार कम हो रहा है। लोग अलाव के सहारे दिन गुजारने को मजबूर हैं, सर्दी के तेवरों के आगे अलाव की आग भी ठंडी पड़ रही है। दिन के तापमान में लगातार कमी दर्ज की जा रही है। इससे जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। लोग बेहद जरूरी काम से ही घर से बाहर निकल रहे हैं।

राया कृषि फार्म पर शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 6 तथा अधिकतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि गुरुवार को न्यूनतम तापमान 5 और अधिकतम तापमान 14 डिग्री सेल्सिय दर्ज किया गया था। मंगलवार को 4 और 16 डिग्री तापमान दर्ज हुआ था। मंगलवार इस सीजन का सबसे सर्द दिन रहा।

वहीं किसानों को अब फसल को बचाने के लिए भी मशक्कत करनी पड़ रही है। हालांकि अभी जनपद में पाला पडने की घटना नहीं हुई जिससे किसानों फसलों में नुकसान नहीं हुआ है। लेकिन धूप नहीं निकलने और लगातार गलन पड़ने से आलू की फसल में किसी तरह का नुकसान न हो इसके लिए लगातार सिंचाई कर रहे हैं। वहीं जनपद में तेज शीतलहर और ठंड के चलते जिलाधिकारी ने कक्षा नर्सरी से लेकर कक्षा 8 तक की सभी स्कूलों में दो दिन का अवकाश घोषित किया है। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार 19 और 20 जनवरी को अवकाश रहेगा।

डीएम मथुरा के आदेशानुसार भीषण ठण्ड, शीतलहर एवं कोहरे के दृष्टिगत जनपद मथुरा के कक्षा 1 से 8 तक के समस्त परिषदीय, राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त, सीबीएसई बोर्ड, आईसीएसई बोर्ड, मदरसा, संस्कृत शिक्षा परिषद सहित जनपद में संचालित समस्त बोर्डों के विद्यालयों में शुक्रवार और शनिवार का शीतावकाश घोषित किया गया है।

यह अवकाश केवल छात्र छात्राओं के लिये होगा, विद्यालय के शिक्षक, शिक्षामित्र एवं अनुदेशक विद्यालय में उपस्थित रहकर विद्यालय सम्बन्धी आवश्यक कार्यों का निष्पादन करेंगे।

अस्पतालों में बढी मरीजों की संख्या

अस्पतालों की ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों की संख्या बढ गई है। खास कर बच्चे और बुजुर्ग इस मौसम की मार से अधिक पीडित हैं। बच्चे सर्दी की चपेट में आ रहे हैं, वहीं बुजुर्गों को भी मौसमी बीमारियां चपेट में ले रही हैं।

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