केंद्रीय मंत्री पंचायतीराज की उपस्थिति में थाईलैंड के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक संपन्न, ताजे पानी की प्रॉन्स एवं मत्स्य उत्पादन योजनाओं पर थाईलैंड प्रतिनिधिमंडल ने जताई सहमति

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केंद्रीय मंत्री पंचायतीराज की उपस्थिति में थाईलैंड के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक संपन्न, ताजे पानी की प्रॉन्स एवं मत्स्य उत्पादन योजनाओं पर थाईलैंड प्रतिनिधिमंडल ने जताई सहमति

केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल की अध्यक्षता में आगरा में थाईलैंड के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक हुई, जिसमें उत्तर प्रदेश में ताजे पानी की मछलियों, प्रॉन्स और मत्स्य उत्पादन योजनाओं पर चर्चा की गई। इस बैठक में निवेश, रोजगार और मत्स्य उत्पादन के लिए सहमति बनी।

आगरा: मंगलवार को केंद्रीय मंत्री पंचायतीराज, मत्स्य और पशुपालन डेयरी, प्रो. एसपी सिंह बघेल की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद के साथ थाईलैंड के एक तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने आगरा के होटल आईटीसी मुगल में महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में उत्तर प्रदेश में ताजे पानी की प्रॉन्स और अन्य मत्स्य उत्पादन योजनाओं पर चर्चा की गई।

उपस्थित मंत्री और अधिकारी

बैठक में केंद्रीय मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल और प्रदेश के मत्स्य विभाग के मंत्री डॉ. संजय निषाद ने थाईलैंड के प्रतिनिधिमंडल के साथ मिलकर राज्य में ताजे पानी की मछलियों के उत्पादन, प्रोसेसिंग और निर्यात को लेकर संभावनाओं पर विचार किया। इस दौरान प्रदेश में झीलों, तालाबों और नदियों के माध्यम से ताजे पानी की मछलियों का व्यावसायिक उत्पादन शुरू करने की दिशा में अहम कदम उठाने पर सहमति बनी।

थाईलैंड का अनुभव और उत्तर प्रदेश में निवेश के अवसर

थाईलैंड के प्रतिनिधिमंडल ने बैठक में बताया कि उनकी कंपनी, एवीपी-सीपीएफ इंडिया लिमिटेड, आंध्र प्रदेश में बड़ी मात्रा में मत्स्य उत्पादन, प्रोसेसिंग और निर्यात कर रही है। उन्होंने उत्तर प्रदेश में भी ताजे पानी की प्रॉन्स, पंगेसियस फिश और अन्य जलजीवों के व्यावसायिक उत्पादन, सीड नर्सरी की स्थापना और प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की योजनाओं को लेकर सकारात्मक विचार व्यक्त किए।

उपयोगी योजनाओं पर जोर

केंद्रीय मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि थाईलैंड के प्रतिनिधिमंडल को आगरा जिले के विभिन्न स्थानों का दौरा कराया जाए और साथ ही एटा, फिरोजाबाद, मथुरा और आगरा जिले में ताजे पानी की उपलब्धता के संभावित क्षेत्रों की पहचान की जाए। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में मत्स्य उत्पादन, प्रोसेसिंग, सीड नर्सरी और अन्य योजनाओं के लिए एक क्लस्टर तैयार किया जाए।

निषाद समाज को प्राथमिकता

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मत्स्य पालन को कृषि के रूप में मान्यता दी गई है, और इस क्षेत्र में निषाद और मछुआ समाज की विशेष भूमिका है। उन्हें इस योजना में वरीयता दी जाएगी। साथ ही, उन्होंने उत्तर प्रदेश के मत्स्य किसानों को कृषि दर पर विद्युत कनेक्शन देने और पीएम सूर्यघर योजना के तहत सोलर पैनल के लिए प्राथमिकता देने के निर्देश दिए।

रोजगार और निवेश के अवसर

बैठक में डॉ. संजय निषाद ने बताया कि उत्तर प्रदेश में ताजे पानी की झीलें, तालाब, नदियां और नहरें पहले से मौजूद हैं, और इनका उपयोग करके प्रदेश में रोजगार के नए अवसर पैदा किए जाएंगे। उन्होंने इस निवेश के माध्यम से प्रदेश में आर्थिक विकास की नई राह खोलने की बात की।

बैठक में की गई सहमतियां

बैठक में यह भी तय किया गया कि उत्तर प्रदेश में क्वालिटी सीड प्रोडक्शन यूनिट स्थापित की जाएगी, और उच्च स्तर पर मत्स्य उत्पादन, प्रोसेसिंग और मार्केटिंग की योजना बनाई जाएगी। इसके साथ ही, मत्स्य विभाग द्वारा फ्रेश वाटर मत्स्य उत्पादन हेतु हैचरी, भूमि और मैनपावर की उपलब्धता पर सहमति बनी।

मुख्य अधिकारीगण की उपस्थिति

इस बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती प्रतिभा सिंह, महानिदेशक मत्स्य विभाग उत्तर प्रदेश राकेश प्रकाश, निदेशक मत्स्य एनएस रहमानी, उपनिदेशक मत्स्य राजेंद्र सिंह, अपर निदेशक मत्स्य प्रशांत गंगवार समेत अन्य मंडल स्तरीय अधिकारीगण उपस्थित थे।

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