शिकायत के बाद हुई जांच
नगर पंचायत जैथरा के चार सभासदों ने 11 सितंबर को एसडीएम अलीगंज से शिकायत की थी। इन सभासदों ने चेयरमैन पर कई गंभीर आरोप लगाए थे, जिनमें विकास कार्यों में अनियमितता, गौशाला में गोबर से गोकाष्ठ न बनाने, चिलिंग वाटर आरओ मशीन को शुरू न करने, बोर्ड मीटिंग में सभासदों को न बुलाने, और लाखों रुपये के कबाड़ को कम दामों में बेचने जैसे आरोप शामिल थे। इन सभी आरोपों को लेकर एसडीएम अलीगंज ने नायब तहसीलदार सतीश कुमार को जांच सौंप दी थी।
जांच अधिकारी की रिपोर्ट
नायब तहसीलदार ने पूरी तरह से इन आरोपों की जांच की और पाया कि सभी आरोप झूठे थे। जांच में हर एक बिंदु पर साक्ष्य जुटाए गए और यह साबित हुआ कि आरोप निराधार थे। तहकीकात के बाद जांच रिपोर्ट तीन पन्नों की आख्या के रूप में एसडीएम अलीगंज को भेजी गई। जांच अधिकारी ने आरोपों को निराधार बताते हुए चेयरमैन को क्लीन चिट दी।
चेयरमैन का बयान
इस मामले पर चेयरमैन विवेक कुमार गुप्ता ने कहा, “यह सत्य की जीत है। विपक्षी लोग नगर के विकास कार्यों से परेशान हो गए थे और उन्होंने झूठी शिकायतों के जरिए विकास में रुकावट डालने की कोशिश की। हम अपने कार्य में पूरी तरह से विश्वास रखते थे और अब सबके सामने इनकी असलियत आ चुकी है। प्रशासनिक जांच में पूरा सहयोग किया और अब हमें न्याय मिला है।”
सभासदों की बैठक में भागीदारी का मुद्दा
जांच रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि शिकायतकर्ता सभासदों ने नगर पंचायत की बैठकों में अपनी भूमिका को लेकर उदासीनता दिखाई। बोर्ड की कुल 5 बैठकों में से सिर्फ तीन में ओमवती देवी और अनुज शर्मा ने भाग लिया, जबकि अन्य दो सभासदों ने एक भी बैठक में सहभागिता नहीं की। इससे यह साफ हुआ कि ये सभासद अपने वार्डों की समस्याओं को उठाने में भी संजीदा नहीं थे।
महिला सभासद का नाम ना जानना
इस जांच में एक महिला सभासद का नाम भी सामने आया, जो मीडिया के सामने अपने वार्ड और चेयरमैन का नाम भी नहीं बता पाईं। यह घटना उस समय काफी वायरल हुई जब महिला सभासद के पीछे खड़ा व्यक्ति उन्हें जानकारी दे रहा था। यह घटना उनकी कार्यशैली और जिम्मेदारी पर सवाल उठाती है।
विधिक कार्रवाई की योजना
चेयरमैन विवेक कुमार गुप्ता ने कहा कि उन्होंने इस मामले में अपनी मान-प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ताओं से विधिक राय ली है। भविष्य में, इन सभासदों के खिलाफ सिविल और आपराधिक कार्यवाही की जाएगी।