यूपी में छात्रवृत्ति के नियमों में बड़ा बदलाव: अब बार-बार नहीं करना होगा आवेदन, OTR अनिवार्य

Manasvi Chaudhary
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आगरा, उत्तर प्रदेश – छात्रवृत्ति वितरण को और अधिक पारदर्शी बनाने और छात्रों की परेशानियों को कम करने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 से, प्रदेश में छात्रवृत्ति वितरण के लिए पहली बार वन टाइम रजिस्ट्रेशन (OTR) की व्यवस्था लागू की गई है। इस बदलाव के बाद, छात्रों को हर साल छात्रवृत्ति के लिए बार-बार रजिस्ट्रेशन करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

आगरा के जिला समाज कल्याण अधिकारी, जीआर प्रजापति ने बताया कि अब समाज कल्याण, पिछड़ा वर्ग कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण और जनजाति विकास विभाग की सभी छात्रवृत्ति योजनाओं के पात्रों को OTR, बायोमैट्रिक ऑथेंटिकेशन, एसकोड वैलिडेशन और संस्थान की नैक (NAAC) या एनबीए (NBA) मान्यता की अनिवार्यता पूरी करनी होगी।

फर्जीवाड़े पर लगेगी लगाम

पहले छात्रवृत्ति वितरण में बड़े पैमाने पर धांधली और बंदरबांट होता था। सरकार द्वारा निर्धारित छात्रवृत्ति पात्र छात्रों तक नहीं पहुंच पाती थी और फर्जीवाड़े के जरिए स्कूल संचालक और अन्य लोग अपनी जेबें भरते थे। वर्ष 2015 में ऑनलाइन व्यवस्था शुरू होने के बाद इस पर काफी हद तक रोक लगी थी। अब नए बदलावों के साथ, छात्रवृत्ति के नाम पर होने वाले घोटालों पर और भी सख्त अंकुश लगेगा।

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जीआर प्रजापति ने बताया, “छात्रों को छात्रवृत्ति के लिए अब बार-बार रजिस्ट्रेशन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वन टाइम रजिस्ट्रेशन की नई व्यवस्था लागू हो गई है।”

क्या है OTR (वन टाइम रजिस्ट्रेशन)?

जिला समाज कल्याण अधिकारी के मुताबिक, यूपी में छात्रवृत्ति योजना अब पूरी तरह से ऑनलाइन हो चुकी है। जब कोई छात्र कक्षा 9 या उससे ऊपर की कक्षा में प्रवेश लेता है और छात्रवृत्ति के लिए पात्र होता है, तो उसे सिर्फ एक बार अपना OTR कराना होगा। इसी OTR नंबर से उसे आगे की कक्षाओं में भी छात्रवृत्ति मिलती रहेगी। छात्र को केवल अपने OTR में जरूरी अपडेट करने होंगे, जिससे हर साल नया आवेदन फॉर्म भरने की परेशानी खत्म हो जाएगी। यह व्यवस्था प्रतियोगी परीक्षाओं की तरह ही लागू की गई है, जिससे प्रक्रिया आसान और पारदर्शी बनेगी।

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ये नई अनिवार्यताएं भी हुईं लागू

* बायोमैट्रिक ऑथेंटिकेशन: हर पात्र छात्र, कॉलेज के प्रधानाचार्य और नोडल अधिकारी का बायोमैट्रिक ऑथेंटिकेशन अनिवार्य होगा। यह प्रक्रिया आधार कार्ड की तरह ही होगी, जिससे फर्जीवाड़े को रोका जा सकेगा।

* एसकोड वैलिडेशन: उत्तर प्रदेश स्कॉलरशिप की आधिकारिक वेबसाइट या नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर छात्र के आवेदन की गहन जांच की जाएगी।

* NAAC/NBA मान्यता: अब उन्हीं शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों को छात्रवृत्ति दी जाएगी, जिनके पास नैक (NAAC) या एनबीए (NBA) की मान्यता होगी। बिना मान्यता वाले संस्थानों के छात्रों को इसका लाभ नहीं मिलेगा।

कार्यशाला में समस्याओं का होगा समाधान

इन नए नियमों के बारे में छात्रों और शैक्षणिक संस्थानों को जागरूक करने के लिए प्रदेश भर में कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं। इसी क्रम में, आगरा में 8 सितंबर, 2025 को एक मंडल स्तरीय कार्यशाला होगी, जिसमें निदेशालय से तकनीकी विशेषज्ञ आएंगे। वे छात्रवृत्ति योजना में किए गए बदलावों की जानकारी देंगे और छात्रों व संस्थानों के सामने आ रही समस्याओं का समाधान करेंगे।

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इन चरणों में मिलेगी छात्रवृत्ति

छात्रवृत्ति वितरण की प्रक्रिया में भी बदलाव किया गया है। इस साल एससी और एसटी वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति का वितरण चार चरणों में किया जाएगा, ताकि कोई भी पात्र छात्र वंचित न रहे। वहीं, सामान्य और ओबीसी वर्ग के छात्रों को दो चरणों में छात्रवृत्ति वितरित की जाएगी। यह बदलाव यह सुनिश्चित करेगा कि छात्रवृत्ति समय पर और सही लाभार्थियों तक पहुंचे।

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