घिरोर (Mainpuri) : उत्तर प्रदेश के Mainpuri जनपद के घिरोर कस्बे में स्थित राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में प्रैक्टिकल के नाम पर अवैध वसूली को लेकर एक गंभीर मामला सामने आया है। इस घटना के बाद कॉलेज की छात्राओं ने हल्ला बोलते हुए कॉलेज के बाहर प्रदर्शन किया और उच्च अधिकारियों से इसकी जांच कराने की मांग की।
क्या है मामला?
घिरोर के राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में कक्षा 12 की छात्राओं ने आरोप लगाया कि कॉलेज की प्रधानाचार्या साधना सिंह और शिक्षिका रत्नेश के द्वारा प्रैक्टिकल के नाम पर छात्रों से अवैध पैसे की मांग की जा रही है। छात्राओं ने आरोप लगाया कि उन्हें प्रैक्टिकल में पास कराने के नाम पर एक हजार और आठ सौ रुपये की मांग की जा रही है। पैसे नहीं देने पर फेल करने की धमकी भी दी जा रही है।
आवेदनकर्ता छात्राओं ने बताया कि वे गरीब परिवार से आती हैं और उनके पास इतना पैसा नहीं है कि वे यह राशि दे सकें। इस वजह से वे सरकारी स्कूल में पढ़ाई करती हैं। कई छात्राओं ने यह भी बताया कि कुछ ने इस राशि का भुगतान भी कर दिया है, जबकि अन्य छात्राएं विरोध कर रही हैं।
शिक्षिका और प्रधानाचार्या पर गंभीर आरोप
छात्राओं ने यह भी आरोप लगाया कि कॉलेज की प्रधानाचार्या साधना सिंह नागरिक शास्त्र की शिक्षिका हैं, लेकिन वह कक्षा में कभी भी पढ़ाई नहीं करतीं। जब छात्राओं ने पढ़ाने की बात की, तो उन्होंने अपशब्दों का इस्तेमाल किया। इस प्रकार के आरोपों के बाद छात्राओं ने जिलाधिकारी से शिकायत की और पैसे की वापसी की मांग की।
प्रधानाचार्या साधना सिंह ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि कॉलेज के किसी स्टाफ द्वारा धन की वसूली की गई है, तो वह राशि वापस कर दी जाएगी।
जिलाधिकारी और जिला विद्यालय निरीक्षक की कार्रवाई
घटना की गंभीरता को समझते हुए, छात्राओं ने जिलाधिकारी से शिकायत की। इसके बाद जिला विद्यालय निरीक्षक सतीश चंद्र मौके पर पहुंचे और छात्राओं से पूछताछ की। उन्होंने धनराशि जमा करने वाली छात्राओं के नाम दर्ज किए और मामले की जांच शुरू की। सतीश चंद्र ने कहा कि वे इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराएंगे और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जिला विद्यालय निरीक्षक का बयान
जिला विद्यालय निरीक्षक सतीश चंद्र ने कहा, “हमने छात्राओं से जानकारी प्राप्त की है और जिन छात्राओं से धनराशि वसूली गई है, उनकी राशि तुरंत वापस कराई जाएगी। इसके बाद पूरे मामले की जांच की जाएगी। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
पारदर्शिता की आवश्यकता
घिरोर कस्बे में घटी इस घटना ने सरकारी स्कूलों में पारदर्शिता की आवश्यकता को एक बार फिर उजागर किया है। यह घटना न केवल छात्राओं के लिए परेशानियों का कारण बनी है, बल्कि यह भी दिखाती है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की जाती, तो ऐसे मामलों का समाधान नहीं हो सकता।
क्या होगा आगे?
अब यह देखना होगा कि जिला विद्यालय निरीक्षक और प्रशासन इस मामले में कितनी तत्परता से कार्रवाई करते हैं और छात्राओं को न्याय मिलता है या नहीं। इस घटना से यह भी संदेश जाता है कि सरकारी स्कूलों में प्रैक्टिकल के नाम पर धन वसूली जैसे मामलों पर कड़ी निगरानी रखी जानी चाहिए ताकि छात्रों को इस प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पड़े।