लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने पार्टी से इस्तीफा देकर जाने वाले सांसद रितेश पांडेय पर स्वार्थी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि लोग अपने स्वार्थ में इधर-उधर भटक रहे हैं।
रविवार को पांडेय ने अंबेडकर नगर लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था। मायावती ने सोशल मीडिया पर लिखा कि “बसपा राजनीतिक दल होने के साथ ही परम पूज्य बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के आत्म सम्मान एवं स्वाभिमान के मिशन को समर्पित मूवमेंट भी है।”
उन्होंने कहा कि बसपा चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारने से पहले उनकी विचारधारा और पार्टी के प्रति समर्पण को ध्यान में रखती है। मायावती ने लिखा कि “अब बहुजन समाज पार्टी के सांसदों को इस कसौटी पर खरा उतरने के लिए स्वयं को जांचना है कि क्या उन्होंने अपने क्षेत्र की जनता का सही ध्यान रखा है? क्या अपने क्षेत्र में पूरा समय दिया? साथ ही क्या उन्होंने पार्टी में मूवमेंट के हित में समय-समय पर दिए गए दिशा निर्देशों का सही तरीके से पालन किया है?”
मायावती ने कहा कि “ऐसे हालातो में अधिकतर लोकसभा सांसदों का टिकट दिया जाना क्या संभव है? खासकर तब जब वह स्वयं अपने स्वार्थ में इधर-उधर भटकते हुए नजर आ रहे हैं और वह नेगेटिव चर्चा में है?” उन्होंने कहा कि “मीडिया द्वारा यह सब कुछ जानने के बावजूद सांसद के इस्तीफा को पार्टी की कमजोरी के रूप में प्रचारित करना अनुचित है। बीएसपी का पार्टी हित सर्वोपरि है।”
मायावती के इस बयान से साफ है कि वह पांडेय के इस्तीफे से नाराज हैं। उन्होंने पांडेय पर स्वार्थी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह पार्टी के प्रति समर्पित नहीं थे।
यह घटनाक्रम महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बसपा के अंदरूनी कलह को उजागर करता है। यह पांडेय के भविष्य के राजनीतिक कदमों पर सवालिया निशान लगाता है। यह बसपा के चुनावी प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है।
अगले कुछ दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या पांडेय किसी अन्य पार्टी में शामिल होते हैं। क्या बसपा पांडेय के खिलाफ कोई कार्रवाई करती है। यह घटनाक्रम बसपा के अन्य सांसदों को कैसे प्रभावित करता है।