आगरा में गूंजीं स्वर लहरियां: नाद साधना के ‘रघुनाथांजलि’ समारोह में संगीत दिग्गजों और उभरते कलाकारों ने मोहा मन

Saurabh Sharma
5 Min Read
आगरा में गूंजीं स्वर लहरियां: नाद साधना के 'रघुनाथांजलि' समारोह में संगीत दिग्गजों और उभरते कलाकारों ने मोहा मन

आगरा, उत्तर प्रदेश: ताज नगरी आगरा में 25 मई 2025 को पं. रघुनाथ तलेगांवकर फाउंडेशन ट्रस्ट और संगीत कला केंद्र, आगरा के संयुक्त तत्वावधान में नाद साधना प्रातः कालीन सभा का 33वां वार्षिक समारोह भव्यता से आयोजित किया गया। ग्रांड होटल के मुख्य सभागार में आयोजित यह संगीत सभा पं. रघुनाथ तलेगांवकर जी के जन्मशती वर्ष के उपलक्ष्य में उन्हें समर्पित की गई। इस अवसर पर शास्त्रीय संगीत के कई दिग्गजों और युवा प्रतिभाओं ने अपनी प्रस्तुतियों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

गुरु वंदना और दीप प्रज्ज्वलन से हुआ आगाज़

कार्यक्रम का शुभारंभ पारंपरिक रूप से प्रथम पूज्य श्री गणेश और मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। इसके बाद पं. रघुनाथ तलेगांवकर जी, श्रीमती सुलभा तलेगांवकर जी और संगीत नक्षत्र पं. केशव तलेगांवकर जी के चित्रों पर श्री अरविंद कपूर, मोहित श्रीवास्तव, विजयपाल सिंह चौहान और अनिल वर्मा ने माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

शिष्यों ने बिखेरे रागों के रंग: ‘रघुनाथांजलि’ ने किया प्रभावित

समारोह की पहली प्रस्तुति के रूप में, नाद वंदना केंद्र के संगीत साधकों ने गुरु मां श्रीमती प्रतिभा तलेगांवकर जी के कुशल निर्देशन में पं. केशव जी द्वारा रचित ‘नाद वंदना’ प्रस्तुत की। चारताल में ध्रुपद शैली पर आधारित इस प्रस्तुति ने राग अहीर भैरव की गंभीरता और भक्तिमय वातावरण को साकार किया।

See also  राजनीति में कदम रखते ही ममता सिंघल का जमने लगा रंग, मृदुभाषिता और सौम्य व्यक्तित्व मतदाताओं को बना रहा कायल

द्वितीय प्रस्तुति, जिसका शीर्षक ‘रघुनाथांजलि’ था, संगीत कला केंद्र के युवा साधकों द्वारा दी गई। उन्होंने पं. रघुनाथ तलेगांवकर जी द्वारा रचित प्रातः काल के विभिन्न रागों में बंदिशें अत्यंत सुंदरता और तैयारी के साथ प्रस्तुत कीं। इन रागों में गुणकली, कालिंगड़ा, यमनी बिलावल, देवरंजनी, भटियार, देशकार, रामकली और नट भैरव शामिल थे। इस विशेष प्रस्तुति को आर्ची, अभिलाषा शुक्ला, ईशा सेठ, नीपा साहा, निशा गुडवानी, दर्षित राज सोनी, गोपाल मिश्र, युवराज दीक्षित और सुमित कुमार ने अपनी मधुर आवाज़ों से सजाया। तबले पर श्री हरिओम माहौर और संवादिनी पर केंद्र के साधक श्री प्रत्यूष विवेक पांडेय ने कुशलतापूर्वक संगत की, जिसने प्रस्तुतियों में चार चांद लगा दिए।

सितार वादन और ग्वालियर-आगरा घराने का संगम

कार्यक्रम के अगले चरण में, पं. रघुनाथ तलेगांवकर जी की सुयोग्य शिष्या और सुपुत्री डॉ. मंगला तलेगाँवकर मठकर ने अपनी सितार वादन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने पं. जी द्वारा रचित राग जौनपुरी में विलंबित, मध्यलय और द्रुत गत की विशेष तैयारी के साथ प्रस्तुति दी। उनके साथ उनके भ्राता डॉ. लोकेन्द्र तलेगाँवकर ने तबले पर अप्रतिम संगत प्रदान की, जो उनके वादन को और निखार रही थी।

See also  जैथरा में गेहूं के खेत में अज्ञात महिला का अधजला शव मिलने से सनसनी

समारोह की अंतिम प्रस्तुति ग्वालियर घराने के उभरते गायक डॉ. यश संजय देवले का शास्त्रीय गायन रहा। उन्होंने राग बसंत मुखारी में विलंबित एकताल में “मालानिया गूँद लावो री” और मध्यलय तीनताल ख्याल “मनवा नहीं लागे सुन कोयल कूक” प्रस्तुत किया। इसके बाद उन्होंने आगरा घराने के खलीफ़ा उस्ताद फ़ैयाज़ ख़ान साहेब (प्रेम पिया) द्वारा रचित राग शुद्ध सारंग की प्रचलित बंदिश “अब मोरी बात” का गायन किया। डॉ. यश संजय देवले ने ग्वालियर घराने की गायकी के साथ-साथ आगरा घराने की विशेषताओं को अपने गायन में आत्मसात किया, जिससे उनके स्वर लगाव, बहलावा और राग की मुख्य स्वर संगति का अलंकारिक प्रयोग उत्कृष्ट रूप से उभर कर आया और नगर के सुधि श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके साथ संवादिनी पर पं. रवीन्द्र तलेगांवकर और तबले पर डॉ. लोकेन्द्र तलेगांवकर ने कुशलतापूर्वक संगत की।

See also  60+ वालों के लिए शानदार खबर! LIC ने लॉन्च की नई FD स्कीम, मिलेगा बंपर 8.0% तक ब्याज और सुरक्षा का भरोसा

‘नाद गौरव’ सम्मान और गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति

इस अवसर पर डॉ. यश संजय देवले और डॉ. मंगला तलेगाँवकर मठकर को श्री अरुण डंग और श्री अरविंद कपूर द्वारा “नाद गौरव” का सम्मान प्रदान किया गया।

समारोह में नगर के कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे, जिनमें डॉ. प्रदीप श्रीवास्तव, अरुण डंग, डॉ. एस. के. अरेला, डॉ. प्रमिला चावला, डॉ. अरुण चतुर्वेदी, दीपक प्रहलाद, धन्वन्तरि पाराशर, योगेश शर्मा, अनिल शर्मा, डॉ. मधु भारद्वाज, पं. गिरधारी लाल, मनीष प्रभाकर, प्रमिला उपाध्याय, डॉ. महेश धाकड़, असलम सलीमी, हरिकांत शर्मा, पार्थो सेन, विदुर अग्निहोत्री, डॉ. भानु प्रताप सिंह आदि प्रमुख थे।

संस्था के अध्यक्ष श्री विजयपाल सिंह और न्यासी श्रीमती प्रतिभा तलेगांवकर ने सभी संगीत रसिकों और उपस्थित अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस सफल आयोजन ने आगरा की संगीत परंपरा को एक बार फिर जीवंत कर दिया और नए कलाकारों को मंच प्रदान किया।

See also  राजनीति में कदम रखते ही ममता सिंघल का जमने लगा रंग, मृदुभाषिता और सौम्य व्यक्तित्व मतदाताओं को बना रहा कायल
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement