पांच सौ से ढाई हजार रुपए लेकर निकाले पानी में फंसे वाहन
आगरा। लगातार हो रही बारिश ने नेशनल हाइवे को एक बार फिर जलमग्न कर दिया, जिससे एनएचएआई की व्यवस्था की खामियां उजागर हो गई हैं। गुरुवार सुबह चार बजे से सिकंदरा हाइवे पर हीरालाल की प्याऊ के पास भारी जलभराव हो गया, और हाइवे झील जैसा दिखाई देने लगा। इसके चलते वाहनों का आवागमन बाधित हो गया और वाहन चालकों को घंटों जाम में फंसे रहना पड़ा।
एनएचएआई ने स्थिति सुधारने के लिए एक ट्रैक्टर में पंपसेट लगाया, लेकिन वह कुछ ही मिनटों में खराब हो गया। इसके बाद टैंकरों के माध्यम से पानी निकालने का प्रयास किया गया, जो पूरी तरह से विफल रहा। जलभराव के कारण हाइवे पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और यातायात घंटों तक ठप रहा, जबकि एनएचएआई के अधिकारी केवल तमाशा देखते रहे।
मजबूरी का फायदा या वसूली?
बार-बार हो रहे जलभराव ने एनएचएआई के इंजीनियरों और अधिकारियों के दावों की पोल खोल दी है। इस दौरान, बारिश के मौसम में बेरोजगार खड़ी क्रेनें भी काम में आ गईं और जलभराव में फंसे वाहनों को निकालने के नाम पर जमकर अवैध वसूली की गई। एनएचएआई की क्रेन के साथ-साथ प्राइवेट क्रेन मालिकों ने भी 500 से लेकर ₹2500 तक वसूले। इस अव्यवस्था ने एनएचएआई की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, और जनता को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।