अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर बीवीआरआई बिचपुरी महाविद्यालय में कार्यक्रम – महिलाओं की शक्ति, साहस और संघर्ष को सलाम

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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर बीवीआरआई बिचपुरी महाविद्यालय में कार्यक्रम – महिलाओं की शक्ति, साहस और संघर्ष को सलाम

आगरा: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आगरा के बिचपुरी स्थित बीवीआरआई महाविद्यालय में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों, उनके योगदान और सशक्तिकरण को मान्यता देना था।

कार्यक्रम की शुरुआत

कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय की प्रिंसिपल प्रोफेसर सीमा भदौरिया ने दीप प्रज्वलित कर की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि यह सरकार का सराहनीय कदम है कि महिला दिवस को बड़े उत्साह और सम्मान के साथ मनाया जा रहा है। उन्होंने बीते दौर को याद करते हुए बताया कि जब महिलाएं चार दीवारी में बंद और घूंघट में सिसक रही थीं, वहीं आज महिलाएं हर क्षेत्र में अपने अधिकारों के साथ प्रतिनिधित्व करती हैं। उनका मानना है कि महिलाओं की शक्ति, साहस और संघर्ष को सलाम किया जाना चाहिए, और साथ ही महिला सशक्तिकरण की दिशा में निरंतर कदम बढ़ाए जाने की आवश्यकता है ताकि एक समृद्ध, सशक्त और समरस समाज का निर्माण हो सके।

मुख्य अतिथि का संबोधन

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित महिला वैज्ञानिक डॉ. प्रीतेश ने महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके अधिकारों के बारे में विस्तृत चर्चा की। उन्होंने विशेष रूप से महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला और बताया कि महिलाएं कृषि क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और उनके बिना समाज का विकास असंभव है।

छात्राओं का प्रेरक संदेश

महाविद्यालय की बीए चतुर्थ सेमेस्टर की छात्रा देवांगना अग्रवाल ने सभी छात्राओं को संदेश दिया कि उन्हें अपने अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास करना चाहिए। उनका कहना था कि महिलाओं को अपनी शक्ति और संघर्ष को पहचानना होगा और अपनी पहचान को मजबूत करना होगा।

शिक्षक और कर्मचारी

कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्रोफेसर एन के सिंह, प्रोफेसर सूरजमुखी, प्रोफेसर पीके सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर आशुतोष भंडारी, डॉ. सुभाष चंद्र, डॉ. शेख गर्ग, डॉ. संजय कुमार, डॉ. तेजराज हाडा, मिस्टर नितेश कुमार, डॉ. भूपेंद्र सिंह, मिस्टर नीलेश कुमार और अन्य शिक्षक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

यह कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण के लिए एक प्रेरणा और समाज में महिलाओं के योगदान की सराहना करने का एक महत्वपूर्ण अवसर था।

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