आगर। जनपद में ग्रीष्म ऋतु के आगमन के साथ ही आग लगने की घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है। इसे ध्यान में रखते हुए, अपर जिलाधिकारी (वि./रा.) श्रीमती शुभांगी शुक्ला ने आमजन से अपील की है कि वे आग की घटनाओं को कम करने और उनसे बचाव के लिए विशेष सावधानी बरतें। उन्होंने खेतों में फसल अवशेष जलाने से बचने, कटाई के बाद फसल को सुरक्षित स्थान पर रखने और खेतों के आसपास खाना बनाने या जलती हुई बीड़ी-सिगरेट फेंकने से परहेज करने की सलाह दी है।
अपर जिलाधिकारी ने तेज हवाओं के दौरान चूल्हे/भट्ठी पर खाना न पकाने, खाना बनाते समय ढीले-ढाले और पॉलिस्टर के कपड़े न पहनने, तथा रसोई में पानी से भरी बाल्टी हमेशा पास रखने की बात कही है। उन्होंने चूल्हे और रेगुलेटर को अच्छे से बंद करने, रसोई में ज्वलनशील पदार्थ न रखने, और चूल्हे की चिंगारी व गरम राख को कूड़े के ढेर में न डालने की भी हिदायत दी है। मोमबत्ती व अंगीठी का उपयोग सावधानी से करने और माचिस, स्टोव, पटाखे, एसिड आदि को बच्चों की पहुंच से दूर रखने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि आग पकड़ने वाली खाद्य सामग्री और पैकेट बंद सामान को सिलेंडर और चूल्हे से दूर रखें। बिजली के उपकरणों जैसे पंखा, ए.सी., कूलर, फीज, हीटर, इंडक्शन को नियमित रूप से चेक करें और बीच-बीच में उन्हें बंद करते रहें। घरों में बिजली के उपकरणों की सुरक्षा के लिए एमसीबी (मिनिएचर सर्किट ब्रेकर) लगवाने की सलाह दी गई है और तारों से निकलने वाली चिंगारी को नजरअंदाज न करने की चेतावनी दी गई है। बिस्तर पर धूम्रपान करने और सार्वजनिक स्थानों, ट्रेनों और बसों में ज्वलनशील पदार्थ ले जाने से बचने के लिए भी कहा गया है।
कार्यालय परिसर में आग लगने की स्थिति में, उन्होंने निकटतम निकास मार्गों और सीढ़ियों का उपयोग करने और बाहर जाते समय यह सुनिश्चित करने की अपील की कि कोई व्यक्ति अंदर न रह जाए। कपड़ों में आग लगने पर “स्टॉप, ड्राप एण्ड रोल” (रुकें, जमीन पर लेटें और लुढ़कें) करने की सलाह दी गई है। किसी भी इमारत से बाहर निकलने के दो रास्ते जानने और आग के सामने कभी न खड़े होने, हमेशा धुएं के नीचे रहने की कोशिश करने की बात कही गई है।
आपात स्थिति में मुंह को गीले कपड़े से ढकने और जलती हुई इमारत में दोबारा न जाने की सख्त हिदायत दी गई है। सीढ़ियों और गलियारों को अवरुद्ध न करने की सलाह दी गई है, क्योंकि ये भागने के रास्ते होते हैं।
अपर जिलाधिकारी ने क्षेत्र में आगजनी की घटना होने पर तुरंत स्थानीय पुलिस और अग्निशमन विभाग को सूचित करने का आग्रह किया है। पेट्रोलियम पदार्थों से लगी आग को बुझाने के लिए हमेशा बालू और फायर एक्सटिंग्विशर का उपयोग करने की सलाह दी गई है।
उन्होंने आमजन से स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग, राजस्व विभाग, अग्निशमन विभाग से संबंधित महत्वपूर्ण अधिकारियों के दूरभाष नंबरों या टोल फ्री नंबरों 102, 108, 112, और 101 को याद रखने और किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में तत्काल सहायता के लिए इन पर संपर्क करने की अपील की है। आपकी त्वरित सूचना से किसी भी बड़े नुकसान को टाला जा सकता है।