आगरा: ताजमहल के पश्चिमी गेट पर एक पर्यटक के बैग की चेकिंग के दौरान पेपर स्प्रे के रिसाव से सुरक्षाकर्मियों और अन्य लोगों की तबियत बिगड़ गई। इस घटना ने ताजमहल के सुरक्षा व्यवस्था को भी सुर्खियों में ला दिया।
यह घटना बीते कल की है, जब ताजमहल के पश्चिमी गेट पर एक पर्यटक के बैग की चेकिंग की जा रही थी। चेकिंग के दौरान पर्यटक के बैग में रखा पेपर स्प्रे लीक हो गया। इससे पास में खड़े सुरक्षाकर्मियों और अन्य पर्यटकों की हालत खराब हो गई। अचानक हुए इस रिसाव के कारण वहां मौजूद लोग लगातार छींकते और खांसते रहे। यह स्थिति इतनी बिगड़ गई कि लोग अपनी आंखों में पानी के छींटे मारते हुए और नाक-मुंह ढककर किसी तरह सामान्य स्थिति में आने की कोशिश कर रहे थे।
पेपर स्प्रे के प्रभाव ने सुरक्षाकर्मियों की स्थिति को किया गंभीर
पेपर स्प्रे का हवा में घुलना वहां मौजूद सभी लोगों के लिए परेशानी का कारण बना। स्प्रे की चपेट में आने से सुरक्षाकर्मियों के अलावा अन्य लोग भी परेशान हो गए थे। सुरक्षाकर्मियों को छींकें आ रही थीं और वे लगातार खांस रहे थे, जिससे उनकी हालत बिगड़ गई। इस दौरान किसी ने पानी पीने की कोशिश की तो किसी ने अपनी आंखों को शांत करने के लिए पानी के छींटे मारे। स्थिति तब तक सामान्य नहीं हुई जब तक स्प्रे का प्रभाव खत्म नहीं हो गया।
महिला पर्यटक भी हुई परेशान, बैग में था स्प्रे
उस महिला पर्यटक की भी स्थिति खराब हो गई, जिसका बैग पेपर स्प्रे से भरा हुआ था। वह भी इस अप्रत्याशित घटना से काफी परेशान नजर आई। हालांकि, किसी भी तरह की गंभीर स्वास्थ्य समस्या सामने नहीं आई, लेकिन यह घटना ताजमहल की सुरक्षा प्रक्रिया को लेकर एक बड़ा सवाल उठाती है। पर्यटकों के बैग की चेकिंग के दौरान ऐसी सामग्री के रिसाव से सुरक्षा कर्मियों और अन्य लोगों के लिए समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
यह घटना सुरक्षा जांच प्रक्रिया में खामी को उजागर करती है। यह सवाल भी उठाता है कि क्या पर्यटकों के सामान की जांच करते समय ऐसी खतरनाक सामग्री की पहचान आसानी से की जा सकती है। सुरक्षा कर्मियों को प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है, ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
ताजमहल में सुरक्षा व्यवस्था पर ध्यान देने की जरूरत
ताजमहल, जो भारत का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और दुनिया के सात अजूबों में से एक है, हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था में किसी भी तरह की चूक पर्यटकों और सुरक्षा कर्मियों दोनों के लिए खतरनाक हो सकती है। इसलिए आवश्यक है कि सुरक्षा जांच प्रक्रियाओं को और सख्त किया जाए और पर्यटकों के सामान की जांच में किसी भी प्रकार की कोताही न बरती जाए।