एटा (प्रदीप यादव) । जनपद एटा के जैथरा थाना क्षेत्र के गांव लहचोरा में कार चालक की नृशंस हत्या के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। पूछताछ के दौरान दोनों ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है। मगर परिजन पुलिस की जांच को संदिग्ध मान रहे हैं।
परिजनों का कहना है नामजद आरोपियों को पुलिस बचाकर अन्य दो आरोपियों को जेल भेज कर घटना के पटाक्षेप का प्रयास कर रही है।
उल्लेखनीय है कि 5 जनवरी दिन शुक्रवार को कार चालक दिलीप अपने घर से फर्रुखाबाद बुकिंग ले जाने के लिए निकला था। रसीदपुर निवासी छोटू उर्फ छोटे पुत्र किशनपाल उर्फ किशनू ने गाड़ी बुक की थी। जो अभी पुलिस गिरफ्त से बाहर है।
अगले दिन जब वह घर नहीं पहुंचा तो परिजनों ने उसके मोबाइल नंबर पर संपर्क किया। फोन स्विच ऑफ होने पर किसी अनहोनी की आशंका होने लगी। परिजनों ने थाने में गुमशुदगी दर्ज कर उसकी खोजबीन शुरू कर दी। 7 जनवरी दिन रविवार को जानकारी मिली पटियाली थाना क्षेत्र के गांव नरथर में नहर किनारे एक लावारिस कार खड़ी है। कार में खून के धब्बे लगे हुए थे। जिससे चालक के हत्या की आशंका और अधिक बढ़ गई।
रविवार शाम को बदायूं जनपद के उसैत थाना क्षेत्र के गांव खेरे से पुलिस ने क्षत – विक्षत अवस्था में शव बरामद कर पोस्टमार्टम कराया। शव मिलने के बाद पुलिस ने मृतक के भाई राजू की तहरीर के आधार पर चार नामजद ,एक अन्य अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।
परिजनों का आरोप.. पुलिस नामजद आरोपियों को बचाने का कर रही है प्रयास
मृतक के भाई राजू ने तहरीर में वीरेंद्र, शिवराज पुत्र बहादुर सिंह, सुखदेवी ,सुखरानी पुत्री वीरेंद्र सिंह व एक अन्य अज्ञात व्यक्ति को आरोपी बनाया था। आरोपियों ने मृतक के पिता देशराज की 14 सितंबर 2012 में गोली मारकर हत्या कर दी थी। केस की पैरवी मृतक दिलीप कर रहा था , जिसकी वजह से एक अन्य व्यक्ति के साथ साजिश कर इन लोगों ने मेरे भाई की हत्या कर दी।
मृतक के भाई राजू ने बताया यह लोग कूट रचित दस्तावेज तैयार कर मेरी जमीन हड़पने का कई सालों से प्रयास कर रहे हैं ,जिसका मुकदमा सिविल न्यायालय एटा में विचाराधीन है । इसी संपत्ति को हड़पने के उद्देश्य से मेरे पिता की हत्या की थी। वहीं पुलिस गाड़ी लूटने के उद्देश्य से कार चालक दिलीप की हत्या का कारण बता रही है, जो किसी के भी गले नहीं उतर रही है।
परिजनों ने की स्वतंत्र एजेंसी से निष्पक्ष जांच की मांग
स्थानीय पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए परिजनों ने कहा 10 अक्टूबर 2022 को जघन्य हत्याकांड के आरोपियों ने गांव में खुलेआम जान से मारने की धमकी दी थी। जिसकी पुलिस से शिकायत की गई थी। पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया पुलिस ने उसे समय आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाही की होती तो कार चालक दिलीप की हत्या टल सकती थी, इसलिए अब पुलिस से भरोसा उठ गया है। परिजन अब हत्याकांड की स्वतंत्र जांच एजेंसी से जांच करने की मांग कर रहे हैं।