आगरा : शहर में नगर निगम द्वारा गायों को पकड़ने का अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन इस अभियान की सफलता पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। नगर निगम के पशु कल्याण अधिकारी डॉ. अजय यादव दावा करते हैं कि उनकी टीम लगातार गायों को पकड़कर गौशालाओं तक पहुंचा रही है, लेकिन हकीकत कुछ और ही दिखाई देती है। हर दिन लाखों रुपए का डीजल खर्च करने के बावजूद शहर के प्रमुख चौराहों पर आवारा गोवंश की समस्याएँ जस की तस बनी हुई हैं।
हाल ही में, एक वीडियो सामने आया है, जो बोदला चौराहा का है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि बीच चौराहे पर आवारा गोवंश आराम से चल रहे हैं, जो ट्रैफिक में व्यवधान पैदा करते हुए अपनी राह पर आगे बढ़ रहे हैं। इस दृश्य से साफ पता चलता है कि गायों को पकड़ने का अभियान केवल कागजों तक ही सीमित रह गया है और वास्तविकता में इसका असर कम नजर आता है।
गौशालाओं के बारे में भी सवाल उठ रहे हैं। कई लोगों का मानना है कि प्राइवेट गौशालाएं घोटाले के अड्डे बन चुकी हैं, जहां धन की कमी और व्यवस्थाओं की खामी के कारण इन संस्थानों में गायों की देखभाल ठीक से नहीं हो रही है। इसके बावजूद नगर निगम की तरफ से इन संस्थानों को अधिकृत किया जाता है, जिससे यह और भी विवादों में घिरते जा रहे हैं।
पशु कल्याण अभियान की विफलता
शहर में गायों को पकड़ने का अभियान, जिसे नगर निगम द्वारा संचालित किया जा रहा है, में शहरवासियों को सुधार की उम्मीद थी। लेकिन अब यह अभियान सवालों के घेरे में है। लाखों रुपए का डीजल, और इसके बावजूद गायों की संख्या में कमी न होना, यह दर्शाता है कि अभियान में गंभीरता की कमी हो सकती है। यह अभियान तब और संजीदा हो जाता है जब शहर के मुख्य चौराहों पर आवारा गोवंश खुलेआम घूमते हुए नजर आते हैं, और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
गौशालाओं की स्थिति
वहीं, गौशालाओं की स्थिति भी संतोषजनक नहीं है। प्राइवेट गौशालाओं पर यह आरोप लगाए जा रहे हैं कि वे सिर्फ सरकारी धन को अपने हित में इस्तेमाल कर रहे हैं, और गायों की देखभाल में अनदेखी कर रहे हैं। कई संस्थाओं के खिलाफ घोटाले और भ्रष्टाचार के आरोप भी सामने आ चुके हैं, जिसके कारण शहरवासियों में असंतोष का माहौल है।
नगर निगम की प्रतिक्रिया
इस पूरे मामले पर नगर निगम के पशु कल्याण अधिकारी डॉ. अजय यादव का कहना है कि गायों को पकड़ने और गौशालाओं तक पहुंचाने का काम लगातार चल रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि आने वाले दिनों में अभियान को और मजबूत किया जाएगा, और समस्या का समाधान जल्द किया जाएगा। हालांकि, इसके बावजूद जब तक यह कार्य योजना धरातल पर लागू नहीं होती, तब तक शहरवासियों को समस्या का सामना करना पड़ सकता है।