श्रद्धा की शक्ति या चमत्कार? आरती के दीप में प्रकट हुआ श्रीकृष्ण का छाया रूप

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आरती के दीप में झलके नंदलाल — श्रद्धालुओं ने भावविभोर होकर किया जयघोष, बाल व्यास श्वेतिमा की कथा में प्रकट हुआ अद्भुत आलोक

गोरखपुर : भक्ति और आस्था से ओतप्रोत वातावरण, गगनभेदी उद्घोष, और दीपक की लौ में प्रकट हुए नंदलाल! ऐसा दृश्य जिसने हजारों भक्तों की आँखों को अश्रुपूरित कर दिया और अंतरात्मा को श्रीकृष्णमय बना दिया।

स्वर सागर संस्था द्वारा आयोजित श्रीकृष्ण जन्मोत्सव कथा के पावन अवसर पर, जब अंतर्राष्ट्रीय बाल व्यास श्वेतिमा माधव प्रिया कथा वाचन कर रही थीं, तभी आरती के क्षण में दीपक की लौ में श्रीकृष्ण का दिव्य छाया रूप प्रकट हुआ।

यह अद्भुत छवि न केवल मंच पर उपस्थित भक्तों ने देखी, बल्कि पंडाल में मौजूद हजारों श्रद्धालु इस चमत्कारी क्षण के साक्षी बने। दीपक की लौ में स्पष्ट रूप से श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की छाया प्रकट होती देख श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। कुछ ने इस पल को अपने मोबाइल कैमरों में कैद किया, तो कुछ folded hands के साथ “जय श्रीकृष्ण” का उद्घोष करते हुए प्रभु को नमन करते रहे।

मात्र 8 वर्ष की अल्पायु में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त बाल व्यास श्वेतिमा माधव प्रिया श्रीमद्भागवत महापुराण की गूढ़ कथाओं को इतनी सरलता, सरसता और भक्ति से प्रस्तुत कर रही हैं कि उन्हें सुनने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। कथा के प्रत्येक क्षण में आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव हो रहा था, परंतु आरती के समय हुआ यह चमत्कारी दृश्य मानो प्रभु की साक्षात उपस्थिति की मुहर बन गया।

स्वर सागर संस्था के पदाधिकारियों ने इस घटना को ईश्वरीय संकेत बताया। उनका कहना है, “जहाँ सच्ची भक्ति होती है, वहाँ भगवान स्वयं प्रकट होते हैं। यह दृश्य उसी भावना का प्रमाण है।”

यह भक्ति और चमत्कार का संगम अब सोशल मीडिया पर भी खूब साझा किया जा रहा है। श्रद्धालु इसे प्रभु श्रीकृष्ण की कृपा और बाल व्यास श्वेतिमा की निष्कलंक साधना का परिणाम मानते हैं। यह क्षण न केवल गोरखपुरवासियों बल्कि समस्त सनातन श्रद्धालुओं के लिए भक्ति, विश्वास और दिव्यता का प्रतीक बन गया है।

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