वर्षों से जलभराव से त्रस्त ग्रामीणों ने लिया वोट बहिष्कार का निर्णय, किया प्रदर्शन, लगाया ‘विकास नहीं तो वोट नहीं’ का नारा

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कासगंज (मोहनपुरा) : रामपुर गांव के ग्रामीण वर्षों से जलभराव की समस्या से जूझ रहे हैं। मंडी समिति के अंतर्गत आने वाला यह मार्ग गांव को बरेली मथुरा मार्ग से जोड़ता है। 6 वर्ष पहले मार्ग के कुछ हिस्से पर इंटरलॉकिंग बिछाने और नाली निर्माण के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ। ग्रामीणों ने कई बार शिकायत करने के बाद भी कोई ध्यान नहीं दिया गया। इसी से नाराज होकर ग्रामीणों ने रविवार को प्रदर्शन किया और आगामी लोकसभा चुनाव में वोट बहिष्कार का निर्णय लिया। ग्रामीणों का कहना है कि यदि इस बार उनकी समस्या का समाधान नहीं होता है तो गांव का कोई भी व्यक्ति किसी भी राजनैतिक दल को वोट नहीं करेगा।

ग्रामीणों में फूटा गुस्से का गुबार

वर्षों से मुख्य मार्ग पर जलभराव का दंश झेल रहे ग्रामीणों में रविवार गुस्से का गुबार फूट गया। लोगों ने मिलकर प्रदर्शन किया और सामूहिक रूप से वोट बहिष्कार का निर्णय लिया है। दरअसल जनपद कासगंज के मोहनपुरा के समीप बसे रामपुर गांव में ग्रामीणों की समस्या करीब 6 वर्ष पुरानी है। मंडी समिति के अंतर्गत आने वाला यह मार्ग गांव को बरेली मथुरा मार्ग से जोड़ने वाला है। इसी मार्ग पर पिछले करीब 6 वर्षों से जलभराव की समस्या है।

पूरे रास्ते पर तालाब जैसे हालात

ग्रामीणों द्वारा कई बार शिकायत करने के बाद मार्ग के कुछ हिस्से पर इंटरलॉकिंग बिछाने के बाद एक तरफ पानी निकला के लिए नाली का निर्माण कराया गया। इसके बाद पानी इस जगह से आगे बढ़कर भरने लगा और कुछ ही दिनों बाद पूरे रास्ते पर तालाब जैसे हालात बन गए। रामपुर गांव में सरकारी राशन की भी दुकान है। जहां कांतौर, नगला डुकरिया, खुर्रमपुर और नारायनपुर गांव के लोगों के अलावा मध्याह्न भोजन योजना का राशन लेने विद्यालय के लोग आते हैं। अक्सर ये लोग इसी पानी में गिरकर चोटिल भी हो जाते हैं, साथ ही उनका सामान भी खराब हो जाता है। इसके अलावा दर्जनों स्कूली बच्चे प्रतिदिन विद्यालय इसी मार्ग से होकर गुजरते हैं। मार्ग करीब 100 मीटर तक दो फुट जलमग्न है।

जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी नहीं देते ध्यान

कई बार शिकायत के बाद भी किसी भी जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी का इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान नहीं है। इसी से अपेक्षित महसूस कर ग्रामीणों ने एकजुट होकर प्रदर्शन किया और आगामी लोकसभा चुनाव में सामूहिक रूप से वोट बहिष्कार का निर्णय लिया है। रामपुर गांव की आबादी करीब दो हजार से अधिक है और यहां 814 वोटर हैं। गांव निवासी रोशन सिंह पूर्व प्रधानाध्यापक का कहना है कि यदि इस बार हमारी समस्या का समाधान नहीं होता है तो गांव का कोई भी व्यक्ति किसी भी राजनैतिक दल को वोट नहीं करेगा।

संक्रामक रोगों के फैलने की आशंका, ये रहे मौजूद

वहीं हरिओम वर्मा ने कहा कि लगातार हो रहे जलभराव से गांव में संक्रामक रोगों के फैलने की आशंका है। कुछ माह पूर्व गांव की एक महिला की डेंगू से मृत्यु हो गई थी। लगातार जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों से उपेक्षित ग्रामीणों की मांग है कि जलभराव की समस्या का शीघ्र ही निस्तारण किया जाए। इस दौरान रोशन सिंह, गजराज सिंह, महीपाल सिंह, हरिओम सिंह, धर्मेंद्र सिंह, रामपाल सिंह, नेम सिंह डीलर, दिनेश कुमार, दुष्यंत कुमार, अतेंद्र कुमार, राकेश साहू, सत्य प्रकाश साहू, कमल सिंह, केहरी सिंह सहित काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।

पानी निकासी का नहीं है कोई इंतजाम

मार्ग पर जलभराव का मुख्य कारण पानी का निकास न होना है। रास्ते के दोनों तरफ नाली नहीं बनाई गईं हैं और न ही आगे कोई तालाब है जिसमे पानी इकट्ठा हो सके।

विकास नहीं तो वोट नहीं

ग्रामीणों का आरोप है कि इस गंभीर समस्या पर न तो किसी जनप्रतिनिधि ने और न ही किसी अधिकारी ने ध्यान दिया। जिस कारण पूरा गांव नारकीय जीवन जीने पर मजबूर है।

इसलिए मजबूरी में सामूहिक रूप से वोट बहिष्कार कर रहे हैं। अब हमारा एक ही नारा है ‘विकास नहीं तो वोट नहीं’।

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