योगी सरकार ने एक केंद्रीय जेल और नौ जिलों में दूसरी जेल के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की

Dharmender Singh Malik
4 Min Read

लखनऊ। यूपी की जेलों में क्षमता से अधिक बंदियों की संख्या को देखते हुए योगी सरकार ने प्रदेश के 11 ऐसे जिले चिह्न्ति किए हैं, जहां अभी कोई जेल नहीं है। इसके अलावा एक केंद्रीय जेल और नौ जिलों में दूसरी जेल के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

वहीं कुछ जेलों में बैरकों की संख्या बढ़ाई जा रही है। इसके लिए योगी सरकार के निर्देश पर शासन ने कारागार विभाग को हरी झंडी देते हुए भारी भरकम बजट जारी कर दिया है। इन जेलों को वर्तमान परि²श्य को देखते हुए हाईटेक टेक्नोलॉजी का यूज करते हुए बनाया जाएगा। इसके साथ ही नई जेलों के निर्माण का लक्ष्य 2 से 5 साल तय किया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक उच्च स्तरीय बैठक में कारागार प्रशासन एवं सुधार विभाग ने अवगत कराया था कि वर्तमान में प्रदेश की केंद्रीय और जिला कारागार समेत कई कारागार में क्षमता से अधिक बंदी हैं। ऐसे में जेल मैनुअल द्वारा प्रदत्त सुविधाएं उपलब्ध कराने और बंदियों के मानवाधिकारों के संरक्षण को देखते हुए नई जेलों की आवश्यकता है।

See also  भोजपुरी सिंगर समर सिंह को पुलिस ने उठाया, अभिनेत्री आकांक्षा दुबे की हत्या का है आरोप

इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कारागार प्रशासन एवं सुधार विभाग को जल्द से जल्द नई जेलों के निर्माण के संबंध में प्रस्ताव बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये थे, जिसके बाद विभाग ने प्रदेश के 11 जिलों में नई जेलों के निर्माण का प्रस्ताव बनाकर शासन को सौंपा था। इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी के समक्ष दोबारा बैठक होने पर शासन ने नई जेलों के निर्माण का प्रस्ताव रखा, जिसे सीएम ने हरी झंडी दे दी।

योगी का अप्रूवल मिलते ही शासन ने कारागार विभाग को नई जेलों के निर्माण के लिए भारी भरकम बजट जारी कर दिया। शासन से नई जेलों के निर्माण का बजट जारी होते ही प्रदेश के उन जिलों में इनके निर्माण का रास्ता साफ हो गया, जहां पर अभी तक कोई जेल नहीं है। प्रदेश के 11 जिलों क्रमश: अमेठी, महोबा में 990-990 बंदी क्षमता और कुशीनगर, चंदौली, औरेया, हापुड़, संभल, अमरोहा, भदोही में एक-एक हजार बंदी क्षमता की जेलों को निर्माण की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

See also  सींगना आलू फार्म से चोरी छिपे बेचा जा रहा आलू , बोरियों पर लगी उत्तर प्रदेश सरकार की मार्का

ललितपुर में एक नये केंद्रीय कारागार के निर्माण की कार्रवाई तेज कर दी गई है, जिसकी बंदी क्षमता दो हजार होगी। वहीं ललिपुर में एक हजार बंदी क्षमता की दूसरी जिला कारागार के निर्माण की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इसी तरह बरेली की पुरानी जेल के मरम्मत एवं नवीनीकरण के लिए धनराशि स्वीकृत कर दी गई है।

इसके अलावा मुरादाबाद, मुजफ्फनगर में तीन-तीन हजार, शाहजहांपुर, बदायूं, वाराणसी में दो-दो हजार, जौनपुर, रामपुर में एक-एक हजार और कानपुर नगर में 5 हजार बंदी क्षमता के जिला कारगार के निर्माण की कार्रवाई चल रही है। वहीं मार्च के आखिर में श्रावस्ती में 502 और प्रयागराज में 2688 बंदी क्षमता का जिला कारागार बनकर तैयार हो जाएगा। जानकारी के अनुसार गोरखपुर जिला कारागार में 30 बंदी क्षमता की एक बैरक, केंद्रीय कारागार वाराणसी में 30 क्षमता की सात बैरक और जिला कारागार मथुरा में 30 बंदी क्षमता की चार बैरक का निर्माण कार्य किया जा रहा है।

See also  मथुरा पुलिस ने सर्दी में छुडाये बदमाशों के पसीने
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a comment