उत्तर भारत में कड़कड़ाती ठंड के बीच बारिश की संभावना बन रही है। मौसम विभाग के मुताबिक, दक्षिण-पूर्व क्षेत्र में समुद्र के ऊपर बने कम दबाव का असर उत्तर भारत के इलाके में भी लो प्रेशर के तौर पर देखा जा रहा है। विभाग के मुताबिक अगले 72 घंटे के भीतर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश और झारखंड के हिस्सों में बारिश हो सकती है।
बीते कुछ दिनों से लगातार दिन का तापमान भी कम होता जा रहा है। विभाग के आंकड़ों के मुताबिक दिन का पारा देश की राजधानी समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में 12 से 16 डिग्री के बीच बना हुआ है। वहीं रात का तापमान 5 से 8 डिग्री के बीच पहुंच गया है। मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल कहते हैं कि अगले कुछ दिनों में दिन और रात के तापमान में और कमी हो सकती है। साउथ ईस्ट रीजन में समुद्र के ऊपर बने कम दबाव के चलते इस तरीके की परिस्थितियां बनी हुई हैं। वह कहते हैं कि इसी वजह से उत्तर भारत के कुछ इलाकों में बारिश के भी आसार बन रहे हैं।
मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश और झारखंड के हिस्सों में 3 से 5 जनवरी तक बारिश हो सकती है। हालांकि उत्तर प्रदेश के लखनऊ और कानपुर समेत आसपास के इलाकों में बुधवार की सुबह बारिश हुई है। मौसम विभाग के वैज्ञानिकों का कहना है कि यह बारिश पांच जनवरी तक उत्तर भारत के इलाकों में कहीं छुटपुट तो कहीं तेज बारिश हो सकती है।
कम दबाव के बन रहे क्षेत्र के चलते ही उत्तर भारत के कई इलाकों में तेज कोहरे का भी अनुमान है। मौसम विभाग के मुताबिक पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड का मैदानी इलाका और बिहार समेत मध्यप्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ के हिस्सों में कोहरा बना रहेगा। इसमें से पंजाब, उत्तर प्रदेश के हिस्सों में जबरदस्त कोहरा पड़ने का अनुमान लगाया जा रहा है। मौसम विभाग में दर्ज आंकड़ों के मुताबिक बीते दो दिनों से उत्तर प्रदेश के बहराइच, पंजाब के जालंधर और बरेली जैसे इलाकों में दृश्यता 25 मीटर से भी कम आंकी गई है। मौसम विभाग के वैज्ञानिकों का कहना है कि 10 जनवरी तक उत्तर भारत के इन सभी राज्यों में लगातार कोहरा बना रहेगा।
मौसम वैज्ञानिक देवेश यादव बताते हैं कि पश्चिमी विक्षोभ के चलते जम्मू के उत्तरी हिस्से में साइक्लोनिक सर्कुलेशन की परिस्थितियां बन रही हैं। जिसका सीधा असर हरियाणा और जम्मू समेत पंजाब के कुछ हिस्सों में देखने को मिल सकता है। मौसम के बदले हालात के चलते इन इलाकों में दिन और रात के तापमान में कमी दर्ज की जा सकती है। मौसम वैज्ञानिक देवेश कहते हैं कि मैदानी इलाकों में बारिश के बाद चलने वाली तेज हवाएं ठिठुरन और गलन भी बढ़ा सकती हैं। कहते हैं कि इसमें कुछ हिस्सों जिसमें पंजाब, हरियाणा और राजस्थान समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान में कमी दर्ज की जा सकती है।