योगी सरकार में भ्रष्टाचार पर उठे सवाल, ग्रामीणों को निष्पक्ष जांच का इंतजार
ग्राम पंचायत के विकास कार्यों में धांधली, 11 सदस्यों ने शपथ पत्र के साथ की शिकायत
आगरा। उत्तर प्रदेश सरकार भले ही भ्रष्टाचार मुक्त शासन का दावा कर रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। आगरा जनपद के अछनेरा ब्लॉक स्थित ग्राम पंचायत मई में विकास कार्यों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। स्थानीय 11 ग्रामीणों ने शपथ पत्र के साथ जिलाधिकारी को शिकायत सौंपते हुए प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी पर सरकारी धन के दुरुपयोग और फर्जी भुगतान का आरोप लगाया है।
जिलाधिकारी के निर्देश पर बनी जांच समिति
शिकायत का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी आगरा ने परियोजना निदेशक और अधिशाषी अभियंता की दो सदस्यीय जांच टीम गठित की है। मंगलवार को इस टीम को गांव पहुंचकर विकास कार्यों की जांच करनी थी, लेकिन ग्रामीणों को सुबह से ही जांच दल का इंतजार रहा। लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या जांच निष्पक्ष होगी या प्रशासनिक मिलीभगत से भ्रष्टाचारियों को बचाने का प्रयास किया जाएगा।
ग्राम पंचायत में फर्जी भुगतान और कागजी घोटाले के आरोप
ग्रामीणों का आरोप है कि प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी ने मिलीभगत कर एक ही कार्य के लिए दो बार भुगतान किया। इतना ही नहीं, कई कार्य कागजों पर ही दर्शा दिए गए जबकि जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं हुआ। पेवर ब्लॉक लगाने के नाम पर भी फर्जीवाड़ा किया गया। ग्रामीणों की मांग है कि निष्पक्ष जांच हो और दोषी अधिकारियों एवं प्रधान पर सख्त कार्रवाई की जाए।
योगी सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त शासन पर सवाल
उत्तर प्रदेश सरकार बार-बार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति की बात करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है। ऐसे में देखना होगा कि क्या जिलाधिकारी के नेतृत्व में बनी जांच समिति इस मामले में पारदर्शिता बरतते हुए दोषियों पर कार्रवाई करेगी या फिर यह मामला भी अन्य शिकायतों की तरह फाइलों में दबा दिया जाएगा। ग्रामीणों की निगाहें अब प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।